प्रत्यक्ष कर संग्रह के चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य को पार कर जाने की उम्मीद : सीबीडीटी चेयरमैन |

प्रत्यक्ष कर संग्रह के चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य को पार कर जाने की उम्मीद : सीबीडीटी चेयरमैन

प्रत्यक्ष कर संग्रह के चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य को पार कर जाने की उम्मीद : सीबीडीटी चेयरमैन

:   Modified Date:  November 18, 2024 / 05:33 PM IST, Published Date : November 18, 2024/5:33 pm IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष (2024-25) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.07 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक रहने की उम्मीद है।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि जिन करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न में विदेशी आय या संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, उनके पास वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना संशोधित रिटर्न दाखिल करने को लेकर 31 दिसंबर तक का समय है। कर विभाग उन करदाताओं को एसएमएस और ई-मेल भेज रहा है, जिन्होंने उच्च मूल्य वाली संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने करदाताओं को इस प्रकार के एसएमएस और ई-मेल भेजे गये हैं।

भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में करदाता ‘लाउंज’ का उद्घाटन करते हुए अग्रवाल ने यह भी कहा कि आयकर कानून की समीक्षा के लिए भाषा को सरल और समझने में आसान बनाने को लेकर आयकर कानून की समीक्षा के संदर्भ में 6,000 से अधिक सुझाव आये हैं।

अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम कर संग्रह के बजट लक्ष्य को पार कर जाएंगे। कंपनी और व्यक्तिगत कर समेत अन्य कर संग्रह बढ़ा है।’’

सीबीडीटी के कर संग्रह के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 10 नवंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.41 प्रतिशत बढ़कर 12.11 लाख करोड़ रुपये रहा है।

इसमें 5.10 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कंपनी कर और 6.62 लाख रुपये गैर-कंपनी कर शामिल है। गैर-कंपनी कर में व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों आदि द्वारा भुगतान किया गया कर शामिल है।

इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) मद में 35,923 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें कंपनी कर से 10.20 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर तथा अन्य करों से 11.87 लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

अग्रवाल ने विदेशी संपत्तियों के बारे में खुलासा नहीं करने को लेकर करदाताओं को सूचित करने के संबंध में कहा कि कर विभाग सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत विभिन्न देशों से विदेशी संपत्तियों के बारे में सभी विवरण प्राप्त करता है और आयकर रिटर्न में खुलासे के साथ ऐसे विवरणों का मिलान करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम का मूल मकसद करदाताओं को विदेशी संपत्तियों की घोषणा के बारे में याद दिलाना है। वे 31 दिसंबर तक संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।’’

विदेशी संपत्तियों में विदेशी बैंक खाते, किसी कारोबार/इकाई में वित्तीय हित, देश के बाहर अचल संपत्ति, विदेशी इक्विटी समेत अन्य संपत्तियां शामिल हैं।

आयकर कानून की समीक्षा में प्रगति के बारे में पूछे जाने पर सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि सार्वजनिक परामर्श जारी है और विभाग को 6,000 से अधिक सुझाव मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं करदाताओं को आगे आने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर गतिविधियों और नियमों के बारे में सुझाव देने के लिए आमंत्रित करता हूं।’’

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी। सीबीडीटी ने समीक्षा पर नजर रखने और अधिनियम को सरल, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है। इस पहल का मकसद कर को लेकर कानूनी विवादों को कम करना और करदाताओं को कर के मामले में अधिक निश्चितता प्रदान करना है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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