नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) जारी करने की केंद्र की पहल से बहुत बड़ा बदलाव आया है और इसने पेंशन सत्यापन प्रक्रिया को बदल दिया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बैंक ने पेंशनभोगियों के लिए अनुकूल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए इस महीने विशेष अभियान शुरू किया। इसके तहत पहले 20 दिन में 2.15 लाख डीएलसी के प्रसंस्करण का काम पूरा किया गया।
पीएनबी के मुख्य महाप्रबंधक संजय वार्ष्णेय ने कहा, ‘‘डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (जीवन प्रमाण) की शुरुआत ने पेंशन सत्यापन प्रक्रिया को बदल दिया है। डीएलसी सेवा के जरिये पेंशनभोगियों के दरवाजे पर वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा दी जा रही है।’’
उन्होंने कहा कि डीएलसी से बहुत बड़ा बदलाव हुआ है, क्योंकि यह प्रसंस्करण से संबंधित देरी को कम करने के अलावा उपयोगकर्ता के अनुकूल अनुभव देता है।
वार्ष्णेय ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘इससे यह भी तय होता है कि पेंशनभोगी अपनी स्वतंत्रता बनाए रख सकें और लॉजिस्टिक सहायता के लिए दूसरों पर निर्भरता से बच सकें। इससे स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद खुद से कार्यालय में उपस्थित होने के मनोवैज्ञानिक बोझ को कम किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, शिमला, लुधियाना और जम्मू सहित अन्य स्थानों पर बड़े शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां बैंक के सबसे अधिक पेंशनभोगी हैं।
वार्ष्णेय ने कहा, ‘‘पेंशनभोगियों के लिए अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए ‘डोरस्टेप बैंकिंग’ भी 31 दिसंबर, 2024 तक निःशुल्क है।”
पेंशनभोगियों को अपनी पेंशन जारी रखने के लिए सालाना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। परंपरागत रूप से, ये जीवन प्रमाण पत्र केवल भौतिक रूप में ही जमा किए जाते थे, जो पेंशनभोगियों के लिए असुविधाजनक था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और पेंशनभोगियों को अपनी सुविधानुसार जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा देने के लिए नवंबर, 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करने की शुरुआत की।
भाषा पाण्डेय अजय
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