डीआईसी इंडिया ने 34.32 लाख रुपये का भुगतान कर सेबी के साथ मामला निपटाया |

डीआईसी इंडिया ने 34.32 लाख रुपये का भुगतान कर सेबी के साथ मामला निपटाया

डीआईसी इंडिया ने 34.32 लाख रुपये का भुगतान कर सेबी के साथ मामला निपटाया

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Modified Date: March 24, 2025 / 08:04 PM IST
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Published Date: March 24, 2025 8:04 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) खुलासा चूक के कथित उल्लंघन संबंधित मामले का निपटान करते हुए डीआईसी इंडिया ने पूंजी बाजार नियामक सेबी को निपटान राशि के रूप में 34.32 लाख रुपये का भुगतान किया है।

नियामक ने 21 मार्च को एक आदेश में कहा कि प्रिंटिंग स्याही और संबद्ध उत्पादों की विनिर्माता डीआईसी इंडिया ने सेबी के (निपटान कार्यवाही) नियमों के तहत निपटान आवेदन दायर किया था।

कंपनी ने नियमों के उल्लंघन के लिए उसके खिलाफ शुरू की जा सकने वाली प्रवर्तन कार्यवाही को ‘तथ्यों के निष्कर्षों और कानून के निष्कर्षों को न तो स्वीकार करने और न ही अस्वीकार करने’ के द्वारा निपटान करने का प्रस्ताव रखा।

निपटान आदेश के अनुसार, बाजार नियामक उल्लंघन के लिए डीआईसी इंडिया के खिलाफ प्रवर्तन कार्यवाही शुरू नहीं करेगा।

हालांकि, यदि कोई गल बयानी पाई जाती है या कंपनी समझौते की किसी शर्त का उल्लंघन करती है तो सेबी के पास आगे की कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित है।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह और कमलेश सी वार्ष्णेय ने आदेश में कहा, ‘‘…यह आदेश दिया जाता है कि आवेदक (डीआईसी इंडिया) के संबंध में उल्लंघन के लिए शुरू की गई कोई भी कार्यवाही निपटाई जाए।’’

आदेश के अनुसार, सेबी ने पाया कि डीआईसी इंडिया कई एलओडीआर (सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएँ) नियमों का उल्लंघन कर रही थी।

कंपनी अपने बिक्री और विपणन प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में अपनी नामांकन और पारिश्रमिक समिति से सिफारिशें लेने में विफल रही, जिससे एलओडीआर मानदंडों का उल्लंघन हुआ।

इसके अतिरिक्त, डीआईसी इंडिया ने अपने वरिष्ठ प्रबंधन में बदलावों का खुलासा नहीं किया, जिसमें एक मई, 2024 को बिक्री और विपणन प्रमुख के रूप में कुलदीप शर्मा की नियुक्ति और पांच जनवरी, 2024 को उनके पूर्ववर्ती का इस्तीफा शामिल है।

ये विलंबित खुलासे अंततः कंपनी द्वारा 10 अगस्त, 2024 को किए गए।

इसके अलावा, सेबी ने यह भी देखा कि डीआईसी इंडिया 30 जून, 2022 से 31 दिसंबर, 2023 की अवधि के लिए स्टॉक एक्सचेंज को अपने संबंधित पक्ष लेनदेन का खुलासा करते समय अपने प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के पारिश्रमिक का खुलासा करने में विफल रही।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)