(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से जुड़े 34,615 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में व्यवसायी अजय रमेश नवंदर की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने नवंदर को अस्पताल में रहने के लिए दी गई अंतरिम सुरक्षा 14 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
पीठ ने कहा, ‘‘ इस बीच, प्रतिवादी को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता की आंखों की जांच नयी दिल्ली स्थित एम्स के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के एक वरिष्ठ परामर्शदाता से कराए और उक्त तारीख को अदालत के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करे।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘ प्रतिवादी (सीबीआई) जमानत के अनुरोध वाली मुख्य याचिका पर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेगा या निर्देश हासिल करेगा जैसा वह उचित समझे।’’
शीर्ष अदालत नवंदर की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 31 मई के आदेश को चुनौती दी थी।
उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी और कहा था कि सीबीआई ने गंभीर और सुसंगत रुख अपनाया है कि आवेदक एक प्रभावशाली व्यक्ति है जिसका मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में काफी प्रभाव है। इसकी पूरी संभावना है कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
भाषा अजय निहारिका
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जीएसटी परिषद ने बीमा पर कर कटौती का फैसला टाला
2 hours ago