विदेश में स्थित ऑनलाइन इकाइयों पर कर प्रवर्तन के लिए डीजीजीआई का सुझाव |

विदेश में स्थित ऑनलाइन इकाइयों पर कर प्रवर्तन के लिए डीजीजीआई का सुझाव

विदेश में स्थित ऑनलाइन इकाइयों पर कर प्रवर्तन के लिए डीजीजीआई का सुझाव

:   Modified Date:  September 16, 2024 / 04:45 PM IST, Published Date : September 16, 2024/4:45 pm IST

नयी दि्ल्ली, 16 सितंबर (भाषा) जीएसटी की जांच इकाई डीजीजीआई ने ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन शिक्षा और विज्ञापन जैसी सेवाओं में कर चोरी रोकने के लिए सूचना साझा करने और प्रवर्तन उपायों के साथ वेबसाइट को ब्लॉक करने को विदेशी सरकारों के साथ पारस्परिक व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया है।

जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) के संज्ञान में आया है कि नगण्य कर व्यवस्था वाले ‘कर पनाहगाह’ देशों में स्थित ऑनलाइन कसीनो के अलावा कुछ इकाइयां विदेशी वीपीएन और क्लाउड-आधारित मंचों के जरिये संचालित हो रही हैं।

डीजीजीआई के मुताबिक, इन इकाइयों का रवैया सहयोगपूर्ण नहीं होता है और वे जानबूझकर कर अनुपालन से परहेज करती हैं। ऐसे में वैश्विक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सूचना का आदान-प्रदान किसी भी कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद करेगा।

ऑनलाइन सूचना एवं डेटाबेस पहुंच या रिट्रिवल (ओआईडीएआर) सेवाओं के दायरे में वे सेवाएं आती हैं जो इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वितरित की जाती हैं और जिनकी आपूर्ति सूचना प्रौद्योगिकी के बगैर असंभव है। इनमें क्लाउड सेवाएं, डिजिटल सामग्री, ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन विज्ञापन जैसी सेवाओं की शृंखला शामिल है।

ऐसी सेवाएं किसी विदेशी इकाई द्वारा किसी गैर-कर योग्य प्राप्तकर्ता को मुहैया कराई जाती हैं तो आपूर्तिकर्ता पंजीकरण प्राप्त करने और उसपर जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है।

फिलहाल ऐसी सेवाएं देने वाली 574 विदेशी इकाइयों ने जीएसटी विभाग के साथ पंजीकरण कराया है। इस क्षेत्र से वार्षिक राजस्व बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,675 करोड़ रुपये हो गया है जो 2017-18 में सिर्फ 80 करोड़ रुपये था।

डीजीजीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि ओआईडीएआर सेवा प्रदाताओं के विदेश में स्थित होने से जीएसटी की वसूली एक चुनौती बन जाती है जबकि इसमें राजस्व की अपार संभावनाएं हैं।

जीएसटी आसूचना इकाई के मुताबिक, ‘‘ओआईडीएआर सेवाओं के लिए सूचना साझा करने और कर प्रवर्तन के लिए विदेशी सरकारों के साथ पारस्परिक व्यवस्था में प्रवेश करना और अनुपालन न करने वाले सेवा प्रदाताओं की वेबसाइट को अवरुद्ध करने में सक्षम बनाने सुझाव दिए जा रहे हैं।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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