डीजीसीए ने एयरलाइंस को बोइंग-737 विमानों की दिशा नियंत्रण प्रणाली पर सलाह जारी की |

डीजीसीए ने एयरलाइंस को बोइंग-737 विमानों की दिशा नियंत्रण प्रणाली पर सलाह जारी की

डीजीसीए ने एयरलाइंस को बोइंग-737 विमानों की दिशा नियंत्रण प्रणाली पर सलाह जारी की

:   Modified Date:  October 7, 2024 / 10:15 PM IST, Published Date : October 7, 2024/10:15 pm IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने अपने बेड़े में बोइंग-737 विमानों का इस्तेमाल करने वाली भारतीय एयरलाइंस को दिशा नियंत्रण प्रणाली (रडर) के जाम होने के संभावित जोखिम के बारे में सोमवार को सलाह जारी की।

यह कदम अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की हालिया जांच रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। उस रिपोर्ट में कोलिंस एयरोस्पेस एसवीओ-730 दिशा नियंत्रण प्रणाली से लैस बोइंग-737 विमानों से जुड़ी सुरक्षा चिंताएं जताई गई हैं।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रडर नियंत्रण प्रणाली के जाम होने के संभावित जोखिम को देखते हुए घरेलू एयरलाइन कंपनियों के लिए सुरक्षा सिफारिशें जारी की हैं।

इस समय बोइंग-737 विमानों का इस्तेमाल एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा एयर और स्पाइसजेट एयरलाइन कर रही हैं। उनके पास कुल मिलाकर करीब 100 बोइंग 737 विमान हैं।

एयर इंडिया एक्सप्रेस इस तरह के 61 विमानों का संचालन करती है, जबकि अकासा एयर के पास 25 बोइंग 737 मैक्स विमानों का बेड़ा है। वहीं स्पाइसजेट के पास 11 बोइंग 737 विमान होने की सूचना है।

डीजीसीए की इस सलाह पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह सलाह हमारे बेड़े में शामिल केवल पांच विमानों पर लागू है। उसपर हमने नियामकीय शर्तों के अनुपालन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।’’

इस बारे में स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि उसका कोई भी बोइंग 737 एनजी विमान इससे प्रभावित नहीं है।

डीजीसीए ने कहा कि चालक दल के सभी सदस्यों को दिशा नियंत्रण प्रणाली के जाम या प्रतिबंधित होने की आशंका को लेकर एक परिपत्र/ सलाह जारी की जानी चाहिए।

विमानन नियामक ने कहा, ‘‘चालक दल के सदस्यों को ऐसी स्थिति की पहचान करने और उसे संभालने में मदद करने के लिए उचित कदम के बारे में बताया जाना चाहिए।’’

इसके अलावा सभी एयरलाइंस को दिशा नियंत्रण प्रणाली से जुड़े जोखिम का मूल्यांकन करने और उसे कम करने के लिए विमान के लिए सुरक्षा जोखिम मूल्यांकन करने को कहा गया है।

डीजीसीए ने कहा, ‘‘विमानन कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे रडर प्रणाली जाम होने या बाधित होने से जुड़े हालात से निपटने की गतिविधि को भी अपने प्रशिक्षण और दक्षता जांच के दौरान शामिल करें।’’

नियामक ने कहा कि अंतरिम उपायों का उद्देश्य हवाई यात्रा सुरक्षा को बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि उड़ान चालक दल दिशा नियंत्रण से जुड़े मुद्दों के प्रभावी निपटान के लिए अच्छी तरह तैयार हैं।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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