नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष में कमजोर वैश्विक मांग से रिफाइनिंग मार्जिन कम होने की आशंका के बावजूद भारत की तेल और गैस की मांग मजबूत रह सकती है।
रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि पेट्रोलियम उत्पादों की अच्छी मांग और स्वस्थ विपणन मार्जिन होने से सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) में आई कमी की भरपाई होगी। इससे कुल मिलाकर पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की स्वस्थ एबिटा (ब्याज एवं कर-पूर्व आय) होगी और उनकी क्रेडिट प्रोफाइल साल के दौरान स्थिर रहेगी।
इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने तेल और गैस परिदृश्य में कहा है कि सभी प्रमुख पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए निर्माणाधीन रिफाइनरी विस्तार परियोजनाओं के कारण क्रेडिट प्रोफाइल में ऋण बढ़ सकता है।
इन कंपनियों का क्रेडिट प्रोफाइल कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर रहेगा।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और पुराने क्षेत्रों से उत्पादन में कमी आने पर ओएमसी के एबिटा में कमी आ सकती है। हालांकि, कच्चे तेल की कम कीमतों के प्रभाव को कच्चे तेल के उत्पादन पर लगा विशेष उत्पाद शुल्क हटाने और नई खोजों से अपेक्षित उत्पादन बढ़ने से समायोजित होने की उम्मीद है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में एसोसिएट निदेशक (कॉरपोरेट) भानु पाटनी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय तेल और गैस की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है, जिससे रिफाइनरी और पेट्रोरसायन क्षमताओं में विस्तार होगा। अगले दो-तीन वर्षों में भारत की रिफाइनरी क्षमता 22 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि मजबूत मांग भारत में तेल और गैस निवेश निर्णयों को आगे बढ़ाएगी।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कम लागत वाले घरेलू गैस आवंटन में कमी के बाद अगले वित्त वर्ष में शहरी गैस वितरण क्षेत्र की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी। निवेशित पूंजी पर रिटर्न कम हो सकता है लेकिन यह स्वस्थ रहेगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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