प्राचीन ग्रंथों, संस्कृत के जानकार अर्थशास्त्री देबरॉय को अभी बहुत कुछ करना थाः सीतारमण |

प्राचीन ग्रंथों, संस्कृत के जानकार अर्थशास्त्री देबरॉय को अभी बहुत कुछ करना थाः सीतारमण

प्राचीन ग्रंथों, संस्कृत के जानकार अर्थशास्त्री देबरॉय को अभी बहुत कुछ करना थाः सीतारमण

:   Modified Date:  November 1, 2024 / 03:55 PM IST, Published Date : November 1, 2024/3:55 pm IST

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रसिद्ध अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह प्राचीन ग्रंथों और संस्कृत के विद्वान थे तथा उन्होंने नीति निर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

देबरॉय (69) का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के चेयरमैन थे।

सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक संदेश में कहा, ”ईएसी-पीएम के चेयरमैन के तौर पर देबरॉय ने नीति निर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अन्य बातों के अलावा प्राचीन ग्रंथों, वैदिक एवं शास्त्रीय संस्कृत, देवी और रेलवे में उनकी विशेष रुचि थी। वे संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद करने में बहुत कुशल थे।”

वित्त मंत्री ने कहा कि देबरॉय ने अपनी किताब ‘सरमा एंड हर चिल्ड्रन’ में हमारे प्राचीन ग्रंथों के कुछ अंश का जिक्र कर अपनी अद्भुत क्षमता को दर्शाया।

उन्होंने कहा, ”बिबेक, आपको अभी बहुत कुछ करना था और उसे पूरा करना था – हम सबकी खातिर!”

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी देबरॉय को प्राचीन भारतीय शास्त्रों के महान ज्ञाता, लेखक और अर्थशास्त्री बताया।

ईएसी-पीएम के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि उन्होंने अपना ”एक मित्र, गुरु, मार्गदर्शक और सहयोगी खो दिया है।”

देबरॉय के निधन से चार दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख का हवाला देते हुए सान्याल ने एक्स पर लिखा ”वे (देबरॉय) जानते थे…।” स्तंभ में देबरॉय ने लिखा था, ”बाहर एक दुनिया है जो मौजूद है। अगर मैं वहां नहीं हूं तो क्या होगा? वास्तव में क्या होगा।”

देबरॉय रामकृष्ण मिशन स्कूल, नरेंद्रपुर और प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता के पूर्व छात्र थे। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के बाद ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज से अपना उच्च अध्ययन किया था।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम

 

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