नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) बजट में कर दरों की संख्या कम करने के लिए उद्योग की व्यापक श्रेणियों के आधार पर सीमा शुल्क लगाने पर विचार किया जा सकता है। एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट 2025-26 से पहले वित्तीय परामर्श कंपनी प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के प्रबंध निदेशक अनुराग सहगल ने कहा, “सरकार विभिन्न उत्पादों के लिए अलग-अलग दर ला सकती है, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि वह मूल्य शृंखला में कहां स्थित है। वस्तुओं को मूल्यवर्धित/प्राथमिक और कच्चा माल/मध्यवर्ती के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है और तदनुसार दरें तय की जा सकती हैं।”
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में घोषणा की गई थी कि कारोबार को सुगम बनाने, उलट शुल्क ढांचे को हटाने और विवादों को कम करने के लिए इसे युक्तिसंगत और सरल बनाने के लिए अगले छह महीनों में सीमा शुल्क दर संरचना की व्यापक समीक्षा की जाएगी।
वर्गीकरण विवादों को कम करने के लिए बजट में सीमा शुल्क दरों की समीक्षा की घोषणा की गई थी। वर्तमान में एक दर्जन से अधिक सीमा शुल्क दरें हैं और सरकार दरों की संख्या कम करने पर विचार कर रही है।
प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी ने कहा कि नई कंपनियों पर वर्तमान में निम्न 15 प्रतिशत कर को उन मौजूदा कंपनियों पर भी लागू किया जाना चाहिए जो अपनी विनिर्माण सुविधाओं का विस्तार कर रही हैं या पुरानी परियोजनाओं में निवेश कर रही हैं।
प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार (कॉरपोरेट और अंतरराष्ट्रीय कर) संदीप पुरी ने कहा कि नई विनिर्माण कंपनियों पर 15 प्रतिशत कर को बढ़ाया जाना चाहिए। यह कर अक्टूबर, 2019 में लाया गया था।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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