सीमा शुल्क कटौती, एमएसएमई के लिए कर्ज गारंटी योजना से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा: विशेषज्ञ |

सीमा शुल्क कटौती, एमएसएमई के लिए कर्ज गारंटी योजना से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा: विशेषज्ञ

सीमा शुल्क कटौती, एमएसएमई के लिए कर्ज गारंटी योजना से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा: विशेषज्ञ

:   Modified Date:  July 24, 2024 / 04:19 PM IST, Published Date : July 24, 2024/4:19 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) तमाम वस्तुओं पर सीमा शुल्क में कटौती, एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना और ई-कॉमर्स केंद्र की स्थापना जैसी बजट घोषणाओं से घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों ने यह बात कही है।

उन्होंने कहा कि स्पैन्डेक्स, चमड़ा और समुद्री सामान जैसे सामान पर सीमा शुल्क कम करने से उद्योग को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि परिधान उद्योग आईजीसीआर (रियायती दरों पर वस्तुओं का आयात) के तहत ट्रिम्स और एम्बेलिशमेंट की सूची का विस्तार करने की सराहना करता है, जिससे तैयार कपड़ों की निर्यात खेप (शिपमेंट) को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

सेखरी ने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना के तहत सीमा में वृद्धि, सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए प्रवेशकों को 15,000 रुपये तक एक महीने का वेतन प्रदान करना, नए विनिर्माण कर्मचारियों के लिए चार साल तक ईपीएफओ अंशदान और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत करना परिधान उद्योग को आगे बढ़ाने और भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगा।’’

चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालान ने कहा कि निर्यात शुल्कों को युक्तिसंगत बनाने और वेट ब्लू क्रोम टैंड लेदर, वेट व्हाइट लेदर, क्रस्ट लेदर और तैयार चमड़े सहित अधिक आदानों को शुल्क मुक्त योजना के तहत शामिल करने से रोजगार बढ़ाने और निर्यात वृद्धि में मदद मिलेगी।

जालान ने कहा, ‘‘निर्यात शुल्क के मोर्चे पर, वेट ब्लू और क्रस्ट लेदर पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे देश से मूल्यवर्धित प्रसंस्कृत चमड़े के निर्यात में सुविधा होगी, क्योंकि वैश्विक बाजार में इनकी भारी मांग है।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार क्रस्ट लेदर के लिए इस निर्यात शुल्क को हटा देगी, ताकि अगले 2-3 वर्षों में मूल्यवर्धित चमड़े के निर्यात को एक अरब डॉलर तक बढ़ाने के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।

हाई-टेक गियर्स लिमिटेड के चेयरमैन दीप कपूरिया ने कहा कि बजट में बहुत कम क्षेत्रों को छोड़कर मौजूदा आयात शुल्क दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

कपूरिया ने कहा कि सौर सेल और पैनल के निर्माण के लिए पूंजीगत वस्तुओं के साथ-साथ 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर आयात शुल्क को समाप्त करने और उसमें कटौती करने से न केवल अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को बल्कि रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष जैसे कई उच्च प्रौद्योगिकी रणनीतिक क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा।

केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल नानावती ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज मिशन घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण और महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों के विदेशी अधिग्रहण की सुविधा प्रदान करेगा।

नानावती ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण खनिजों की घरेलू उत्पादन क्षमता विकसित करने पर जोर दिया जाएगा, लेकिन साथ ही बजट में 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में पूरी तरह छूट देने और उनमें से दो पर मूल सीमा शुल्क कम करने का प्रस्ताव है।’’

स्टार्टअप कंपनी डब्ल्यूओसीई (वर्ल्ड ऑफ सर्कुलर इकनॉमी) के निदेशक अनूप गर्ग ने कहा कि सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करना एक स्वागतयोग्य कदम है, जो निश्चित रूप से स्टार्टअप में निवेश को बढ़ावा देगा।

गर्ग ने कहा, ‘‘अधिकांश निवेशक अब समझदारी से आगे की सोच रखने वाली कंपनियों में निवेश करते हैं, खासकर वे जो पर्यावरण और मानव कल्याण पर विचार करती हैं।’’

प्रदान के कार्यकारी निदेशक सरोज कुमार महापात्रा ने कहा कि बजट कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महापात्रा ने कहा, ‘‘जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्मों पर केंद्रित कृषि अनुसंधान को प्राथमिकता देकर, इसका उद्देश्य भविष्य की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और मुद्रास्फीति के जोखिमों को कम करना है।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)