नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) निर्यातकों के शीर्ष निकाय फियो ने बृहस्पतिवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना की मंजूरी से विशेषकर विनिर्माण और निर्यात में लगे छोटे उद्यमों के लिए वित्तीय पहुंच बेहतर होगी। साथ ही इससे उत्पादन प्रक्रिया को आधुनिक बनाने तथा उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप बुधवार को एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नई कर्ज गारंटी योजना शुरू की। इस योजना में 100 करोड़ रुपये तक के कर्ज को शामिल किया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए शुरू म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (एमसीजीएस-एमएसएमई) का उद्देश्य उपकरणों की खरीद के लिए पात्र उद्यमों को स्वीकृत 100 करोड़ रुपये तक की ऋण-सुविधा देने के लिए पात्र वित्तीय संस्थानों को राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) से 60 प्रतिशत गारंटी कवरेज देना है।
फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने बयान में कहा, ‘‘कर्ज प्रवाह में वृद्धि करने और एमएसएमई की उत्पादन प्रक्रिया को आधुनिक बनाने तथा उत्पादन बढ़ाने के लिहाज से म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना की मंजूरी, मील का पत्थर है। इससे हमारे सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों, विशेषकर विनिर्माण और निर्यात में लगे उद्यमों की वित्तीय पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’’
कुमार ने कहा कि पूंजी निवेश के लिए पर्याप्त वित्तपोषण की कमी लंबे समय से एमएसएमई के लिए एक चुनौती रही है, जिससे वैश्विक बाजारों में आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धा करने की उनकी क्षमता सीमित हुई है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। उधारकर्ता को वैध उद्यम पंजीकरण संख्या वाला एमएसएमई होना चाहिए, गारंटीकृत ऋण राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और उपकरणों की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए।
फियो प्रमुख ने कहा कि 100 करोड़ रुपये तक की कर्ज सुविधा के साथ, एमएसएमई को अब आधुनिक मशीनरी और उपकरणों में निवेश करने के लिए जरूरी सहायता मिलेगी।
कुमार ने कहा, ‘‘यह कदम ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जो हमारे उद्यमों को उत्पादन को बढ़ावा देने, गुणवत्ता में सुधार करने और अपने वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में मददगार है।’’
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई )ने भी कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए नई क्रेडिट गारंटी योजना से क्षमता विस्तार में तेजी आएगी, उत्पादकता बढ़ेगी और घरेलू उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार होगा।
सीआईआई की निर्यात आर्यात (एक्जिम) मामलों पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा, ‘‘उद्योग मंडल ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई और निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी का दायरा बढ़ाने का लगातार वकालत की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से क्षमता विस्तार में तेजी आएगी, उत्पादकता बढ़ेगी और घरेलू उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा। बढ़ी हुई ऋण उपलब्धता के साथ, एमएसएमई वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जुड़ने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होगी।’’
भाषा
रमण अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)