मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट से सीपीओ, पामोलीन तेल के दाम टूटे |

मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट से सीपीओ, पामोलीन तेल के दाम टूटे

मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट से सीपीओ, पामोलीन तेल के दाम टूटे

:   Modified Date:  October 17, 2024 / 09:20 PM IST, Published Date : October 17, 2024/9:20 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट रहने की वजह से देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम में गिरावट रही और इसके कारण बिनौला तेल के दाम भी दबाव में रहे। शिकॉगो एक्सचेंज की मजबूती के कारण सोयाबीन तेल के दाम में सुधार देखने को मिला। जबकि ऊंचे दाम पर साधारण कारोबार के बीच सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार है। जबकि मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज के टूटने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। इन खाद्य तेलों में गिरावट रहने के कारण बिनौला तेल भी प्रभावित हुआ और उसमें गिरावट आई।

सूत्रों ने कहा कि सरकार के साथ-साथ खाद्य तेल समीक्षकों को भी इस बात पर ध्यान देना चाहिये कि सोयाबीन, सरसों, मूंगफली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर क्यों बिक रहे हैं और इसे कैसे दुरुस्त किया जाये नहीं तो एमएसपी बढ़ाने का सरकार का कदम बेमकसद साबित होगा। सोयाबीन किसानों को अपनी लागत निकालनी मुश्किल हो रही है और सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की निर्यात मांग कमजोर है। इस वजह से सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन के लिए भी सरसों जैसा बाजार बनाने संबंधी उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘छोटे किसानों का माल अगर कम दाम में खरीदा गया तो उसके बाद अच्छे दाम दिलाने के लिए किया जाने वाले किसी भी संभावित प्रयास का क्या मतलब रहेगा? सरसों का जिस तरह बाजार बना है, उसी तरह के प्रयास बाकी तेल-तिलहनों के लिए करना होगा तभी तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने और इस मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का मकसद पूरा किया जा सकेगा।’’

सूत्रों ने कहा कि पामोलीन तेल का भाव सोयाबीन से ऊंचा होने के कारण पामोलीन का आयात प्रभावित है। जब तक पामोलीन का दाम सोयाबीन तेल से सस्ता नहीं होगा तब तक पामोलीन का आयात नहीं बढ़ेगा, खाद्य तेलों की आपूर्ति श्रृंखला टूटी रहेगी। सरसों तेल का दाम ऊंचा है और त्योहारों के बीच हल्के खाद्य तेल में सबसे अधिक मांग फिलहाल सोयाबीन तेल की है। इसके अलावा शिकॉगो एक्सचेंज की मजबूती की वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,550-6,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,400-6,675 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,125 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,575 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,150-2,250 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,150-2,265 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,225 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,675 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,025 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,350 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,700-4,745 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,400-4,635 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)