कंपनियां विज्ञापन, डिब्बों पर शत-प्रतिशत फलों का जूस होने का दवा हटायें: खाद्य नियामक |

कंपनियां विज्ञापन, डिब्बों पर शत-प्रतिशत फलों का जूस होने का दवा हटायें: खाद्य नियामक

कंपनियां विज्ञापन, डिब्बों पर शत-प्रतिशत फलों का जूस होने का दवा हटायें: खाद्य नियामक

:   Modified Date:  June 3, 2024 / 10:20 PM IST, Published Date : June 3, 2024/10:20 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने खाद्य व्यवसाय से जुड़े परिचालकों से विज्ञापनों के साथ-साथ डिब्बाबंद उत्पादों पर लगे ‘लेबल’ में 100 प्रतिशत फलों के जूस के दावों को तुरंत हटाने को कहा है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य कारोबार से जुड़े सभी परिचालकों (एफबीओ) को निर्देश जारी कर कहा कि वे फलों के जूस के डिब्बे पर लगे ‘लेबल’ और विज्ञापनों से सौ प्रतिशत फलों के जूस’ के किसी भी प्रकार के दावे को तत्काल प्रभाव से हटा दें।

सभी एफबीओ को एक सितंबर, 2024 से पहले से छपी पैकेजिंग सामग्रियों को समाप्त करने का भी निर्देश दिया गया है।

नियामक ने बयान में कहा, ‘‘यह एफएसएसएआई के संज्ञान में आया है कि कई एफबीओ विभिन्न प्रकार के फलों के जूस को शत-प्रतिशत फलों का जूस का दावा करके गलत तरीके से विपणन कर रहे हैं।’’

एफएसएसएआई ने गहन जांच के बाद निष्कर्ष निकाला है कि खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) नियमन, 2018 के अनुसार, सौ प्रतिशत फलों का जूस का दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है।

खाद्य नियामक ने कहा, ‘‘इस तरह के दावे भ्रामक हैं, खासकर उन स्थितियों में जहां फलों के रस का मुख्य घटक पानी है और प्राथमिक घटक यानी जिसके लिए दावा किया गया है, केवल सीमित सांद्रता में मौजूद है। वहीं फलों के रस को पानी और फलों के सांद्रण का उपयोग करके पुनर्गठित किया जाता है…।’’

एफबीओ को खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन, 2011 के नियमों के तहत फलों के जूस के मानकों का अनुपालन करने के लिए कहा गया है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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