बजट में ब्याज समानीकरण योजना को पांच साल बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है वाणिज्य मंत्रालय |

बजट में ब्याज समानीकरण योजना को पांच साल बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है वाणिज्य मंत्रालय

बजट में ब्याज समानीकरण योजना को पांच साल बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है वाणिज्य मंत्रालय

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Modified Date: January 14, 2025 / 05:34 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 5:34 pm IST

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में निर्यात से पहले और बाद के रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समानीकरण योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का आग्रह कर सकता है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

यह योजना पिछले साल 31 दिसंबर को समाप्त हो गई है। योजना चिन्हित क्षेत्रों के निर्यातकों और सभी एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी दरों पर रुपया निर्यात ऋण का लाभ उठाने में मदद करती है। खासकर ऐसे समय जब वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही है, इससे निर्यातकों को फायदा होता है।

निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण के लिए ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी मिलती है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्रालय योजना के विस्तार के लिए अनुरोध कर सकता है।’’

यह योजना एक अप्रैल, 2015 को शुरू की गई थी। शुरुआत में यह 31 मार्च, 2020 तक पांच साल के लिए वैध थी। इसके बाद भी इसे जारी रखा गया।

पिछले साल सितंबर में सरकार ने इस योजना को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया था।

व्यक्तिगत निर्यातकों के लिए लाभ प्रति आईईसी (आयात निर्यात कोड) 50 लाख करोड़ रुपये सालाना तय किया गया था।

यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न सार्वजनिक और गैर-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से लागू की थी।

इसकी निगरानी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और आरबीआई द्वारा परामर्श प्रणाली के माध्यम से किया जाता है।

निर्यातक भी इस योजना को आगे बढ़ाये जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें मौजूदा कठिन समय में मदद मिल रही है।

निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि योजना से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है।

कुमार ने कहा, ‘‘चीन में, ब्याज दर दो-तीन प्रतिशत है और इससे उनके निर्यातकों को काफी मदद मिलती है। सरकार को इस योजना का विस्तार करने पर सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए।’’

भाषा रमण

रमण अजय

अजय

 

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