कोल इंडिया का सरकारी खजाने में योगदान चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मामूली घटा |

कोल इंडिया का सरकारी खजाने में योगदान चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मामूली घटा

कोल इंडिया का सरकारी खजाने में योगदान चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मामूली घटा

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Modified Date: October 13, 2024 / 11:56 AM IST
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Published Date: October 13, 2024 11:56 am IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया का चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकारी खजाने में योगदान सालाना आधार पर 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 28,930.27 करोड़ रुपये रहा।

कोयला मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, कोल इंडिया लि. ने वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि में सरकारी खजाने में 29,122.13 करोड़ रुपये का योगदान दिया था।

आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में सरकार को भुगतान किये गये कुल शुल्क भी आलोच्य अवधि में 11.1 प्रतिशत घटकर 4,335.24 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले 2023-24 के इसी महीने में यह 4,878.84 करोड़ रुपये था।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर में सरकारी खजाने को भुगतान किये गये कुल 28,930.27 करोड़ रुपये में से, सबसे ज्यादा 6,452.30 करोड़ रुपये झारखंड सरकार को मिले। इसके बाद ओडिशा का स्थान रहा जिसे 6,383.14 करोड़ रुपये मिले। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ को 5,432.02 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 5,177.41 करोड़ रुपये तथा महाराष्ट्र को 2,782.25 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।

कोयला उत्पादक राज्यों ने रॉयल्टी, जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) और नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) सहित अन्य से राजस्व अर्जित किये।

सरकार ने पहले कहा था कि कोयला उत्पादक राज्यों ने रॉयल्टी, डीएमएफ और एनएमईटी से पिछले नौ साल में 1.52 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है।

भाषा रमण

रमण

 

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