नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) ने शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में तेजी से बढ़ने के लिए सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) के साथ मिलकर उत्कृष्टता केंद्र की शुरुआत की है। मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी गई।
इसके साथ ही सीएमएआई ने कार्बन बाजार के विकास को गति देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
सीएमएआई ने एक बयान में उत्कृष्टता केंद्र की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि इस पहल का मकसद कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए क्षमता निर्माण और जलवायु-अनुकूल समाधानों को बढ़ावा देना है।
बयान के मुताबिक, इस केंद्र के जरिये उद्योगों, शिक्षाविदों, नागरिक संगठनों, वित्तीय संस्थानों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाकर कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाने की दिशा में तेजी से बढ़ना है।
कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनीष दबकारा ने कहा, ‘‘शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन की ओर तेजी से बढ़ने के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ाने, उन्हें अधिक किफायती एवं कुशल बनाने की जरूरत है और इसके लिए कार्बन बाजार की भूमिका महत्वपूर्ण है।’’
संगठन के महासचिव रोहित कुमार ने कहा कि यह संबंधित पक्षों के साथ मिलकर कार्बन उत्सर्जन पर तेजी से अंकुश लगाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
उन्होंने कहा, ‘‘उद्यमिता को बढ़ावा देकर, उत्सर्जन कटौती परियोजनाओं को प्रमाणित कर और सार्वजनिक योजनाओं को कारगर बनाकर हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।’’
इसके साथ ही सीएमएआई ने भारत में कार्बन बाजार के विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कई पहलों पर सहयोग करने के लिए आईआईटी बॉम्बे के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
आईआईटी बॉम्बे के साथ समझौते का उद्देश्य विशेष रूप से कार्बन हटाने के समाधान से जुड़े नवोन्वेषी स्टार्टअप का समर्थन करना है।
भाषा रमण प्रेम
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