नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन को लेकर अपने स्तर पर जोखिम आकलन करने के लिए कहा है।
एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने पश्चिमी देशों के लिए वैकल्पिक उड़ान मार्गों को चुना है। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए एयरलाइंस अपनी उड़ानों का संचालन ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं कर रही हैं।
नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सभी एयरलाइंस को अपने उड़ान संचालन के संबंध में अपना जोखिम मूल्यांकन खुद करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) सभी एयरलाइंस के साथ सहयोग और बातचीत कर रहा है। वह विदेश मंत्रालय के साथ भी संपर्क में है।
पश्चिम एशिया में संकट बढ़ने के बीच मंत्रालय या डीजीसीए की तरफ से सभी एयरलाइंस को कोई सलाह दिए जाने के सवाल पर सचिव ने यह जानकारी दी।
हाल ही में ईरान ने जवाबी हमले में इजराइल पर दर्जनों ड्रोन तथा मिसाइलें दागी थीं। इसके बाद इजराइल ने कहा था कि वह ईरान के इस हमले का जवाब देगा।
एयर इंडिया भारत में आवाजाही के लिए अपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें वैकल्पिक उड़ान मार्गों पर संचालित कर रहा है। विस्तारा ने भी पश्चिम एशिया संकट के कारण अपनी कुछ उड़ानों के मार्गों में बदलाव किया है।
एयर इंडिया ने तेल अवीव के लिए अपनी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट रेटिंग प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने पश्चिम एशिया संकट पर कहा कि वाणिज्यिक एयरलाइन को ‘उड़ान-निषेध’ नियमों का पालन करने के लिए लंबा मार्ग अपनाना पड़ सकता है, जिससे ईंधन खर्च बढ़ जाएगा।
बनर्जी ने कहा कि अगर समस्या बनी रही तो इसका प्रभाव निकटवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर भी पड़ेगा। भू-राजनीतिक घटनाक्रम से कच्चे तेल की कीमतों और विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों पर भी दबाव पड़ेगा।
भाषा निहारिका प्रेम
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