आवंटन घटने से शहरी गैस वितरकों की लागत दो-तीन रुपये प्रति किलो बढ़ेगी : क्रिसिल |

आवंटन घटने से शहरी गैस वितरकों की लागत दो-तीन रुपये प्रति किलो बढ़ेगी : क्रिसिल

आवंटन घटने से शहरी गैस वितरकों की लागत दो-तीन रुपये प्रति किलो बढ़ेगी : क्रिसिल

:   Modified Date:  October 23, 2024 / 03:33 PM IST, Published Date : October 23, 2024/3:33 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि प्रशासित मूल्य तंत्र (एपीएम) के तहत इनपुट प्राकृतिक गैस के आवंटन में कटौती होने से शहरी गैस वितरण (सीजीडी) कंपनियों की गैस खरीद लागत दो-तीन रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती है।

शहरी इलाकों में गैस वितरण करने वाली कंपनियों को सीएनजी और पाइप से रसोई गैस पीएनजी की आपूर्ति के लिए पुराने गैस क्षेत्रों से नियंत्रित मूल्य पर गैस आवंटन किया जाता है।

लेकिन हाल ही में इन कंपनियों ने बताया कि घरेलू गैस आवंटन के लिए नोडल एजेंसी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने 16 अक्टूबर से प्रभावी सीएनजी खंड के लिए एपीएम गैस आवंटन में 20 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है।

क्रिसिल ने इस संदर्भ में जारी एक नोट में कहा कि शहरी गैस वितरकों के लिए एपीएम पर गैस आवंटन अब उनकी सीएनजी जरूरत का लगभग 50 प्रतिशत रह जाएगा जो इस वित्त वर्ष में अबतक लगभग 70 प्रतिशत रहा है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऐसी स्थिति में पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए गैस वितरकों को घरेलू उच्च दबाव एवं उच्च तापमान (एचपीएचटी) वाले गैस क्षेत्रों या आयातित एलएनजी जैसे महंगे स्रोतों से गैस खरीदनी पड़ेगी।

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक अंकित हखू ने कहा, ‘‘मौजूदा एपीएम गैस की कीमत 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (प्रति इकाई) है जबकि एचपीएचटी गैस का भाव 9.5 डॉलर और एलएनजी की कीमत 11-12 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। इसका मतलब है कि शहरी गैस वितरकों की सीएनजी खंड के लिए इनपुट गैस की लागत 3.5-4.5 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती है।’’

उन्होंने कहा कि लाभ मार्जिन बनाए रखने के लिए सीएनजी की बिक्री कीमत भी बढ़ सकती है क्योंकि आने वाले महीनों में कंपनियां धीरे-धीरे उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई लागत का दबाव डालेंगी। कुछ कंपनियां पहले ही सीएनजी की कीमतों में आंशिक वृद्धि कर चुकी हैं।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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