विदेशी संपत्तियों की जानकारी देने के लिए सही आईटीआर चुनें: सीबीडीटी अधिकारी |

विदेशी संपत्तियों की जानकारी देने के लिए सही आईटीआर चुनें: सीबीडीटी अधिकारी

विदेशी संपत्तियों की जानकारी देने के लिए सही आईटीआर चुनें: सीबीडीटी अधिकारी

:   Modified Date:  November 24, 2024 / 04:10 PM IST, Published Date : November 24, 2024/4:10 pm IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) कर विभाग के अनुसार चालू आकलन वर्ष के दौरान अब तक विदेशी संपत्तियों और आय का विवरण देने वाले दो लाख आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं।

विभाग ने भारतीय निवासियों से यह आग्रह किया है कि वे विदेशी संपत्तियों की जानकारी देने के लिए सही फॉर्म दाखिल करें और यदि उन्होंने गलत फॉर्म जमा किया है तो अपने रिटर्न को संशोधित करें।

एक वरिष्ठ सीबीडीटी अधिकारी ने बताया कि निवासी भारतीयों को विदेशी संपत्तियों और विदेशी स्रोत आय अनुसूची को भरकर कर्मचारी शेयर विकल्पों के जरिये अपने नियोक्ताओं से मिले शेयरों और अर्जित आय के बारे में आयकर विभाग को जानकारी देनी चाहिए।

कर विभाग और उसके प्रशासनिक प्राधिकरण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में अनुसूची ‘विदेशी संपत्ति’ (अनुसूची एफए) को सही ढंग से भरने और विदेशी स्रोतों (अनुसूची एफएसआई) से आय के बारे में बताने के लिए आकलन वर्ष (एवाई) 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान शुरू किया है।

विभाग ने ‘करदाताओं द्वारा विदेशी संपत्ति और आय का प्रकटीकरण’ विषय पर एक ऑनलाइन बातचीत सत्र का आयोजन भी किया। इस दौरान सीबीडीटी में आयुक्त (जांच) शशि भूषण शुक्ला ने विषय के विभिन्न प्रावधानों और 2015 के कालाधन विरोधी अधिनियम के प्रावधानों की व्याख्या की।

उन्होंने कहा कि जिनके पास ऐसी संपत्ति या आय है, लेकिन उन्होंने आईटीआर-1 या आईटीआर-4 दाखिल किया है, उन्हें कालाधन विरोधी कानून के तहत निर्धारित दंड और अभियोजन से बचने के लिए 31 दिसंबर तक संशोधित या विलंबित रिटर्न दाखिल करना चाहिए।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)