प्रतिभूति बाजार में घरेलू बचत की सटीक गणना के लिए तौर-तरीकों में बदलाव का प्रस्ताव: सेबी पत्र |

प्रतिभूति बाजार में घरेलू बचत की सटीक गणना के लिए तौर-तरीकों में बदलाव का प्रस्ताव: सेबी पत्र

प्रतिभूति बाजार में घरेलू बचत की सटीक गणना के लिए तौर-तरीकों में बदलाव का प्रस्ताव: सेबी पत्र

:   Modified Date:  September 4, 2024 / 09:43 PM IST, Published Date : September 4, 2024/9:43 pm IST

नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को घरेलू बचत के आंकड़ों को और सटीक बनाने के लिए गणना पद्धति में बदलाव का प्रस्ताव किया। इसमें भारतीय प्रतिभूति बाजार के माध्यम से होने वाले बचत संबंधी जानकारी प्राप्त करने को लेकर गणना पद्धति में बदलाव का सुझाव दिया गया है।

सेबी ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘तौर-तरीकों में संशोधन से वास्तविक मूल्यों को प्राप्त करके और प्रतिभूति बाजार में वर्तमान में गैर-शामिल खंडों/वित्तीय उत्पादों को शामिल कर आंकड़े अधिक सटीक होंगे और गुणवत्ता में सुधार होगा।’’

इसमें गणना पद्धति में सुधार को लेकर तीन बदलावों के प्रस्ताव किये गये हैं। पहला, निवेशकों की श्रेणियों को फिर से परिभाषित करना, दूसरा, इन निवेशकों के उपयोग वाले उत्पादों के प्रकारों को व्यापक बनाना और तीसरा, नए घटक को जोड़ना जो वर्तमान में शामिल नहीं हैं।

यह पाया गया कि भारतीय प्रतिभूति बाजार के माध्यम से परिवारों की बचत का आकलन गणना की मौजूदा पद्धति के माध्यम से पूरी तरह नहीं हो पा रहा। इसका कारण भारतीय प्रतिभूति बाजार पिछले दशक में कई संरचनात्मक बदलावों से गुजरा है।

इसके अलावा, भारतीय परिवारों का बचत प्रतिरूप भी समय के साथ बदल गया है।

मौजूदा पद्धति के तहत, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सेबी और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से प्राप्त म्यूचुअल फंड निवेश से संबंधित वास्तविक आंकड़ों पर विचार करता है। जबकि इक्विटी और बॉन्ड खंड से संबंधित आंकड़े अनुमान या फॉर्मूले पर आधारित होते हैं।

इसके अलावा, भारतीय प्रतिभूति बाजार में कुछ खंडों और उत्पादों को मौजूदा गणना में शामिल नहीं किया जाता है।

रिपोर्ट में निवेशकों की श्रेणी में आय या निवेश के आकार की परवाह किए बिना सभी घरेलू व्यक्तिगत निवेशकों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) को शामिल करने का सुझाव दिया गया है।

इसमें गैर-लाभकारी संस्थानों (एनपीआईएसएच) जैसे एनजीओ, ट्रस्ट और चैरिटी को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।

गणना की मौजूदा पद्धति में खुदरा, एचएनआई (उच्च नेटवर्थ वाले व्यक्ति), हिंदू अविभाजित परिवार और व्यक्ति शामिल हैं।

वित्तीय उत्पादों के मामले में रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट), बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) और वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के निवेश आंकड़ों को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है। वर्तमान में, इन आंकड़ों पर विचार नहीं किया जाता है।

इक्विटी और बॉन्ड के लिए, प्राथमिक और द्वितीयक बाजार दोनों से वास्तविक राशि को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है। परिवारों और एनपीआईएसएच द्वारा इक्विटी और बॉन्ड में शुद्ध निवेश की गणना दैनिक और वार्षिक रूप से की जाएगी।

वर्तमान में, केवल प्राथमिक बाजार के आंकड़ों पर विचार किया जाता है।

म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के लिए, म्यूचुअल फंड में शुद्ध प्रवाह और द्वितीयक बाजार में ईटीएफ लेनदेन को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। वर्तमान में, केवल म्यूचुअल फंड में शुद्ध प्रवाह पर विचार किया जाता है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)