सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के बावजूद केंद्र-राज्यों के राजकोषीय संतुलन में सुधार: आर्थिक समीक्षा |

सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के बावजूद केंद्र-राज्यों के राजकोषीय संतुलन में सुधार: आर्थिक समीक्षा

सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के बावजूद केंद्र-राज्यों के राजकोषीय संतुलन में सुधार: आर्थिक समीक्षा

:   Modified Date:  July 22, 2024 / 03:29 PM IST, Published Date : July 22, 2024/3:29 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारों के राजकोषीय संतुलन में लगातार सुधार हुआ है। आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह बात कही गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2023-24 पेश की। इसके अनुसार, प्रक्रियागत सुधारों, खर्च में संयम और बढ़ते डिजिटलीकरण के चलते कर अनुपालन लाभ से देश को ऐसा अच्छा संतुलन हासिल करने में मदद मिली है।

इसके मुताबिक, वस्तुओं की कमजोर वैश्विक मांग के कारण बाहरी संतुलन पर दबाव पड़ा है, लेकिन मजबूत सेवा निर्यात ने इसे काफी हद तक संतुलित कर दिया है।

बजट पूर्व दस्तावेज में कहा गया कि मुद्रास्फीति के दबाव कम हो रहे हैं, हाल के दिनों में भू-राजनीतिक तनाव और संघर्ष की आशंकाएं बढ़ी हैं। वैश्विक उत्पादन अब 2022 की तुलना में कुछ अधिक जुझारू है।

समीक्षा में कहा गया है कि आर्थिक मोर्चे पर महामारी के प्रति भारत की संतुलित प्रतिक्रिया के तहत बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक व्यय को बढ़ाया गया। इसने नौकरियों और औद्योगिक उत्पादन की मजबूत मांग पैदा करके अर्थव्यवस्था को बचाए रखा। इससे निजी निवेश को भी गति मिली, भले ही यह धीमी रही।

समीक्षा में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2019-20 के स्तर से 20 प्रतिशत अधिक था। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे बहुत कम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने हासिल किया है।

इसके मुताबिक, भारत के लिए वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत कई चुनौतियों के साथ हुई, क्योंकि यूरोप में संघर्ष के कारण घरेलू कीमतों पर दबाव बढ़ रहा था और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण चालू खाते घाटा (सीएडी) बढ़ रहा था।

कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने मुद्रास्फीतिक दबाव से निपटने के लिए नीतिगत दरें बढ़ानी शुरू कर दी हैं। समीक्षा के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए व्यापक आर्थिक स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण था।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

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