(कुमार राहुल)
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) भारतीय सीमेंट उद्योग 2024 में दो बड़े कॉरपोरेट घरानों के बीच छोटी कंपनियों के अधिग्रहण को लेकर बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और एकीकरण का गवाह रहा है। अगले साल सीमेंट उद्योग बिक्री से प्राप्ति में सुधार, ऊंचे मार्जिन और मांग में तेजी के साथ-साथ बड़ी ढांचागत परियोजनाओं पर सरकार के बढ़ते खर्च से बिक्री में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है।
दो प्रमुख कंपनियों – आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट और अरबपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाली अंबुजा सीमेंट्स द्वारा 4.5 अरब डॉलर में पांच करोड़ टन सालाना से अधिक की क्षमता का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अलावा, इन कंपनियों ने मौजूदा इकाइयों का विस्तार भी किया है, क्योंकि उन्होंने अवसरों की तलाश में अपनी पूंजी तैयार रखी है।
उद्योग को 2024 में कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें मध्यम क्षमता उपयोग से लेकर कम बिक्री प्राप्ति तक शामिल है। इससे कई सीमेंट विनिर्माताओं की आमदनी प्रभावित हुई, मार्जिन घटा और मात्रा में वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई।
हालांकि, 2024 अल्ट्राटेक और अदाणी सीमेंट द्वारा अपनी स्थिति मजबूत करने और समय से पहले लक्षित वृद्धि हासिल करने के लिए बड़े अधिग्रहण के लिए भी जाना जाएगा।
साल के दौरान अदाणी सीमेंट्स ने सौराष्ट्र स्थित सांघी इंडस्ट्रीज, पेन्ना इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण पूरा कर लिया है और हाल ही में पुरानी कंपनियों के अधिग्रहण की वृद्धि रणनीति के तहत सीके बिड़ला समूह की कंपनी ओरिएंट सीमेंट का अधिग्रहण करने की घोषणा की है।
इसके अलावा, इसने ‘माई होम’ जैसी छोटी कंपनियों की सुविधाएं भी हासिल कर ली हैं। इसकी अनुषंगी कंपनी एसीसी ने एशियन कंक्रीट्स एंड सीमेंट्स का भी अधिग्रहण कर लिया है।
इन अधिग्रहण और विस्तार से अदाणी सीमेंट को इस क्षेत्र में प्रवेश के दो साल के भीतर 2024 तक अखिल भारतीय उपस्थिति के साथ 10 करोड़ टन सालाना की क्षमता को पार करने में मदद मिली। इसमें स्विट्जरलैंड की कंपनी होल्सिम से सात करोड़ टन क्षमता का अधिग्रहण भी शामिल है।
अदाणी समूह ने वित्त वर्ष 2027-28 तक अपनी क्षमता को बढ़ाकर 14 करोड़ टन सालाना करने की योजना बनाई है, जो बाजार की अग्रणी अल्ट्राटेक की वर्तमान क्षमता 15.66 करोड़ टन प्रति वर्ष ग्रे सीमेंट से कुछ ही कम है।
डेलॉयट इंडिया के भागीदार राकेश सुराना ने कहा कि 2024 का साल सीमेंट उद्योग के लिए एकीकरण का रहा। इस दौरान कई बड़े विलय और अधिग्रहण सौदे देखने को मिले।
आदित्य बिड़ला समूह भी अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और वित्त वर्ष 2026-27 तक उसकी 20 करोड़ टन क्षमता हासिल करने की योजना है। साल 2024 में इसने दक्षिण में स्थित इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के अधिग्रहण की घोषणा की और केसोराम इंडस्ट्रीज के सीमेंट कारोबार का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में है।
ईवाई-पार्थेनन के साझेदार (एनर्जी प्रैक्टिस) विनायक विपुल ने कहा कि भारतीय सीमेंट उद्योग ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) में चार से पांच प्रतिशत की धीमी वृद्धि देखी है, जबकि इससे पिछले तीन साल में सीमेंट उद्योग की वृद्धि की रफ्तार 10 प्रतिशत से अधिक रही थी। मुख्य रूप से चुनावों और विस्तारित मानसून के प्रभाव से सीमेंट की वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी।
विपुल ने कहा कि सीमेंट उद्योग, आवास और बुनियादी ढांचे पर सरकार के बढ़ते खर्च की उम्मीद में 3.5 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता जोड़ रहा है, जिससे अल्प से मध्यम अवधि में सात से आठ प्रतिशत की निरंतर वृद्धि की उम्मीद है।
उद्योग निकाय सीमेंट विनिर्माता संघ (सीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, भारत की स्थापित सीमेंट उत्पादन क्षमता 69 करोड़ टन है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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