मोदी सरकार पर जोरदार अभियोग है आर्थिक समीक्षा के लिए सीईए की प्रस्तावना: चिदंबरम |

मोदी सरकार पर जोरदार अभियोग है आर्थिक समीक्षा के लिए सीईए की प्रस्तावना: चिदंबरम

मोदी सरकार पर जोरदार अभियोग है आर्थिक समीक्षा के लिए सीईए की प्रस्तावना: चिदंबरम

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Modified Date: January 31, 2025 / 08:39 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 8:39 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन की ताजा आर्थिक समीक्षा की प्रस्तावना नरेन्द्र मोदी सरकार और उसकी नीतियों पर जोरदार अभियोग है।

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि कोई भी इस सरकार और इसकी ‘‘हथियारबंद एजेंसियों’’ पर भरोसा नहीं करता।

चिदंबरम पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि उनका ‘‘पाखंड और आर्थिक निरक्षरता’’ हास्यास्पद होती, अगर वे इतने ‘‘खतरनाक रूप से भ्रामक’’ न होती।

संसद में आर्थिक समीक्षा पेश किए जाने के बाद चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि उन्हें सीईए की आर्थिक समीक्षा 2024-25 की प्रस्तावना पढ़कर खुशी हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और यूरोप के सामने आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख करने वाले शुरुआती 10 पैराग्राफ के बाद, अगले 10 पैराग्राफ भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति का वर्णन करते हैं। ये नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और उसके द्वारा अबतक अपनाई गई नीतियों के खिलाफ एक जोरदार अभियोग हैं।’’

चिदंबरम ने कहा कि इन 10 पैराग्राफ को पढ़ने से पता चलेगा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने क्या गलत किया और क्या करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार को ‘रास्ते से हट जाओ’ की उनकी (नागेश्वरन) सलाह सबसे समझदारी वाली सलाह है।

उन्होंने कहा, ‘‘सीईए ने और भी स्पष्ट सलाह दी है। उनमें से कुछ हैं – उद्यमियों और परिवारों को उनका समय और मानसिक शक्ति वापस देना, विनियमन को महत्वपूर्ण रूप से वापस लेना, आर्थिक गतिविधि का सूक्ष्म प्रबंधन बंद करना।’’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण सलाह विनियमन के मूल सिद्धांत को ‘निर्दोष साबित होने तक दोषी’ से बदलकर ‘दोषी साबित होने तक निर्दोष’ करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘सीईए की अंतिम सलाह सबसे समसामयिक और महत्वपूर्ण है कि देश में भरोसे की कमी को मिटाना जरूरी है और सरकारी एजेंसियों को इस संबंध में एजेंडा तय करना होगा।’’

इस पर भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने जवाब देते हुए कहा, ‘‘आपका पाखंड और आर्थिक निरक्षरता हास्यास्पद होती, अगर वे इतने खतरनाक रूप से भ्रामक न होती।’’

उन्होंने कहा कि चिदंबरम सुशासन पर व्याख्यान दे रहे हैं, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में पहुंचाने वाले लोगों में वह भी शामिल थे।

मालवीय ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार, जिसमें चिदंबरम भी शामिल थे, में मुद्रा को मुक्त रूप से गिरने दिया गया और भ्रष्टाचार कैंसर की तरह फैल गया।

मालवीय ने कहा कि आर्थिक समीक्षा को मोदी सरकार पर जोरदार अभियोग बताने का चिदंबरम का ‘‘हास्यास्पद प्रयास’’ या तो भ्रमित करने वाला है या ‘‘पक्षपातपूर्ण हेकड़ी का बेशर्म प्रदर्शन है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि जीएसटी ने कराधान को सुव्यवस्थित किया, दिवाला कानूनों ने कॉरपोरेट गंदगी को साफ किया और पीएलआई योजनाओं ने विनिर्माण को गति दी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि समीक्षा आलोचना नहीं है, यह मोदी के सुधारों को आगे बढ़ाने का खाका है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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