सीबीडीटी ने मॉरीशस, दो अन्य देशों के साथ कर संधि के लाभों को संरक्षण दिया |

सीबीडीटी ने मॉरीशस, दो अन्य देशों के साथ कर संधि के लाभों को संरक्षण दिया

सीबीडीटी ने मॉरीशस, दो अन्य देशों के साथ कर संधि के लाभों को संरक्षण दिया

Edited By :  
Modified Date: January 22, 2025 / 07:23 PM IST
,
Published Date: January 22, 2025 7:23 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) आयकर विभाग ने कर संधि लाभों का दावा करने के लिए ‘प्रमुख उद्देश्य परीक्षण’ (पीपीटी) के लागू होने के संबंध में एक नया परामर्श जारी किया है। यह प्रावधान आगे की तिथि से लागू होगा।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पीपीटी पर अपने बयान में यह भी कहा है कि भारत के साइप्रस, मॉरीशस और सिंगापुर के साथ हुए ‘दोहरे कराधान बचाव समझौतों’ (डीटीएए) के तहत लागू नियम से छूट देने का प्रावधान इस नए पीपीटी प्रावधान के दायरे से बाहर रहेंगे।

पीपीटी अंतरराष्ट्रीय कर नियमों का हिस्सा है। इसका उद्देश्य कर संधियों के दुरुपयोग को रोकना है। कर बचाव की रणनीति यानी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने लाभ को कम कर वाले क्षेत्रों में हस्तांरित करने (बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग) की व्यवस्था के तहत, पीपीटी इस बात की जांच करता है कि क्या कोई व्यापारिक व्यवस्था वास्तव में वाणिज्यिक है या मुख्य रूप से करों से बचने के लिए बनाई गई है। यदि प्राथमिक उद्देश्य कर-बचत है, तो संधि से जुड़े लाभ को समाप्त किया जा सकता है

भारत ने इन देशों के साछ दोहरे कराधान से बचाव के लिए हुए समझौतों में छूट प्रावधानों के रूप में कुछ संधि-विशिष्ट द्विपक्षीय प्रतिबद्धताएं रखी हैं।

सीबीडीटी ने कहा कि ये प्रतिबद्धताएं पीपीटी प्रावधान के साथ इस तरह के संवाद का इरादा नहीं रखती हैं। इन संधियों में छूट प्रावधान संबंधित कर संधियों में निर्दिष्ट विशिष्ट प्रावधानों से ही निर्धारित होंगे।

डेलॉयट इंडिया में साझेदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि सीबीडीटी का यह परिपत्र पीपीटी की व्याख्या के लिए विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करता है, जिसे अब अधिकांश भारतीय कर डीटीएए में शामिल किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह छूट उपबंध की प्रधानता स्थापित करता है जो साइप्रस, मॉरीशस और सिंगापुर जैसी कुछ संधियों में शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह परिपत्र ऐसी संधि-विशिष्ट द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं की रक्षा करता है और उन्हें पीपीटी प्रावधानों के दायरे से बाहर करता है।

नांगिया एंडरसन एलएलपी में साझेदार विश्वास पंजियार ने कहा कि पीपीटी प्रावधान केवल आगे की तिथि से लागू होंगे और उन मामलों में भी लागू नहीं होंगे जहां भारत ने छूट के रूप में संधि के स्तर पर द्विपक्षीय प्रतिबद्धताएं की हैं, जैसा कि भारत का साइप्रस, मारीशस और सिंगापुर के साथ समझौता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

Follow Us

Follow us on your favorite platform:

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers