नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने, इस क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करने और रोजगार सृजित करने के लिए शुक्रवार को 22,919 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी।
यह देश में पहली ऐसी योजना है जो निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण परिवेश में बड़े पैमाने पर वैश्विक एवं घरेलू निवेश को आकर्षित करके एक मजबूत आपूर्ति शृंखला का विकास करने के मकसद से ‘इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना’ को मंजूरी दी।
इस पहल से क्षमता एवं योग्यता विकसित कर और भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं (जीवीसी) के साथ एकीकृत करके घरेलू मूल्यवर्धन (डीवीए) में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 के 1.90 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह सालाना 17 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना के तहत निष्क्रिय घटकों को मंजूरी दी गई है। इसका कुल पैकेज 22,919 करोड़ रुपये का है। यह छह साल में पूरी होगी।’
उन्होंने कहा कि इस योजना से 91,600 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा और लगभग 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा।
वैष्णव ने कहा कि यह खंड दूरसंचार, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, चिकित्सा उपकरण, बिजली क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना से 4.56 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन होने की उम्मीद है।
इस बीच, एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना भारतीय विनिर्माताओं को विभिन्न श्रेणियों एवं खंडों के कलपुर्जों से जुड़ी विशिष्ट खामियों को दूर करने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन देती है।
इसके लक्षित खंडों में डिस्प्ले मॉड्यूल एवं कैमरा मॉड्यूल और मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), लिथियम-ऑयन बैटरी और मोबाइल, आईटी हार्डवेयर उत्पादों एवं संबंधित उपकरणों के संलग्नक शामिल हैं। उन्हें कारोबार से जुड़ी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
प्रोत्साहन के एक हिस्से का भुगतान रोजगार लक्ष्य प्राप्ति से भी जुड़ा हुआ है।
इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले घटकों और पूंजीगत वस्तुओं को पूंजीगत व्यय प्रोत्साह मिलेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2014-15 के 0.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया जो सालाना 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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