नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोबाइल सेवाओं के लिए 687 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की ‘रिफार्मिंग’ को मंजूरी दे दी है।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गठित सचिवों की समिति के अध्ययन के आधार पर अन्य कदम उठाए जाएंगे।
उद्योग संगठन सीओएआई के एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि मोबाइल सेवाओं को 2030 तक 2,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की आवश्यकता होगी और कैबिनेट के फैसले से रेडियो तरंगों की कुल मात्रा 1,587 मेगाहर्ट्ज हो जाएगी।
डिजिकॉम शिखर सम्मेलन 2025 में सिंधिया ने कहा, ‘‘ कल मंत्रिमंडल ने 687 मेगाहर्ट्ज की ‘रिफार्मिंग’ को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि यह हमें 900 मेगाहर्ट्ज से 1,587 मेगाहर्ट्ज तक ले जाएगा। 320 (मेगाहर्ट्ज) तुरंत जारी किया जाएगा, कुछ अगले साल के अंत तक और कुछ 2028-29 के अंत तक जो हमें 2030 के लिए तैयार करेगा।’’
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उद्योग की आवश्यकताएं पूरी हों और देश के डिजिटल दूरसंचार परिदृश्य में कोई बाधा न आए।
सिंधिया ने कहा, ‘‘ इसके बाद भी करीब 300 मेगाहर्ट्ज का अंतर रह जाता है। मांग अभी खत्म नहीं हुई है। सचिवों की समिति इसके दूसरे दौर पर काम कर रही है। रिपोर्ट इस साल के मध्य तक आ जाएगी। हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि भारत में हमारे डिजिटल दूरसंचार परिदृश्य के विकास में कोई बाधा न आए।’’
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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