सुधारों की गति तेज करेगा बजट, कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे: राष्ट्रपति मुर्मू |

सुधारों की गति तेज करेगा बजट, कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे: राष्ट्रपति मुर्मू

सुधारों की गति तेज करेगा बजट, कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे: राष्ट्रपति मुर्मू

:   Modified Date:  June 27, 2024 / 04:33 PM IST, Published Date : June 27, 2024/4:33 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का पहला बजट ‘कई ऐतिहासिक कदम’ उठाने के साथ-साथ आर्थिक सुधारों की गति को तेज करेगा और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार की ‘दूरगामी नीतियों’ तथा ‘भविष्योन्मुख दृष्टिकोण’ की रूपरेखा पेश करेगा।

राजग सरकार अगले महीने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेगी। इसमें कराधान और नीतियों के साथ-साथ निकट अवधि के लिए सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाये जाने को प्राथमिकता दिये जाने की उम्मीद है।

मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में पहली बार दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राजग सरकार की आर्थिक सोच को रखा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक की उपलब्धियों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि स्पष्ट बहुमत वाली एक स्थिर सरकार का मतलब है कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का काम निर्बाध रूप से जारी रहे और देश अपने लक्ष्यों को प्राप्त करे।

मुर्मू ने कहा, ‘‘यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्योन्मुख दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे। तेजी से विकास के लिए भारत के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सुधारों की गति को और तेज किया जाएगा।’’

राजग सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के साथ विश्लेषकों को नीतियों के स्तर पर निरंतरता बने रहने की उम्मीद है। यह माना जा रहा है कि सरकार पूंजीगत खर्च, कारोबारी माहौल में सुधार और राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता देना जारी रखेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘सुधार, प्रदर्शन और बदलाव’ के संकल्प ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है और देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो एक समय 11वें स्थान पर था।

देश की सालाना वृद्धि दर 2021 से 2024 तक औसतन आठ प्रतिशत रही।

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के बीच और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी संघर्षों के बावजूद भारत ने यह वृद्धि दर हासिल की है। यह राष्ट्र हित में पिछले 10 वर्षों में किये गये सुधारों और प्रमुख फैसलों के कारण संभव हुआ है। भारत अकेले वैश्विक वृद्धि में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।’’

मुर्मू ने कहा कि अब सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास कर रही है। ‘‘इस लक्ष्य की प्राप्ति से विकसित भारत की बुनियाद भी मजबूत होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश में कई दशकों तक अस्थिर सरकारों के दौर में, कई सरकारें चाहकर भी, न तो सुधारों को आगे बढ़ा सकीं और न ही महत्वपूर्ण निर्णय ले पाईं। भारत के लोगों ने अब अपने निर्णायक जनादेश से इस स्थिति को बदल दिया है।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में ऐसे कई सुधार हुए हैं, जिनका आज देश को बहुत लाभ हो रहा है। जब ये सुधार किए जा रहे थे, तब भी इनका विरोध किया गया और नकारात्मकता फैलाने की कोशिश की गई। लेकिन ये सभी सुधार कसौटी पर खरे उतरे हैं।’’

सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बैंक क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार ने बैंकों में सुधार किये और दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता जैसे कानून बनाये। इसने देश के बैंक क्षेत्र को दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग क्षेत्रों में से एक बना दिया है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज मजबूत और लाभ की स्थिति में हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा 2023-24 में 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। बैंकों की मजबूती उन्हें अपने कर्ज आधार का विस्तार करने में सक्षम बनाती है और देश के आर्थिक विकास में योगदान देती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) भी लगातार कम हो रहा है।’’

उन्होंने प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था के सभी तीन स्तंभों – विनिर्माण, सेवा और कृषि – को समान महत्व दे रही है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ उभरते क्षेत्रों को भी मिशन मोड में बढ़ावा दिया जा रहा है। चाहे वह सेमीकंडक्टर हो या सौर, चाहे वह इलेक्ट्रिक वाहन हो या इलेक्ट्रॉनिक सामान, चाहे वह हरित हाइड्रोजन हो या बैटरी, भारत इन सभी क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार लॉजिस्टिक की लागत कम करने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। यह सेवा क्षेत्र को भी मजबूत कर रहा है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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