राजकोषीय घाटा कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है बजट: फिच |

राजकोषीय घाटा कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है बजट: फिच

राजकोषीय घाटा कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है बजट: फिच

:   Modified Date:  July 26, 2024 / 03:26 PM IST, Published Date : July 26, 2024/3:26 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) साख तय करने वाली फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि भारत का चुनाव बाद का बजट इस बात की पुष्टि करता है कि सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। गठबंधन में शामिल दलों की मांग के बावजूद नई सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर टिकी हुई है।

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार ने 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए केंद्र के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत कर दिया है। फरवरी के अंतरिम बजट में लक्ष्य 5.1 प्रतिशत तय किया गया था।

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटा लक्ष्य, रेटिंग एजेंसी के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम है। रेटिंग एजेंसी ने जनवरी 2024 में भारत की ‘बीबीबी-‘ रेटिंग की पुष्टि करते समय राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद का 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत का चुनाव-पश्चात बजट इस बात की पुष्टि करता है कि गठबंधन सरकार की मांगों के बावजूद नया प्रशासन चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

इसमें कहा गया कि उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के जरिये आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने से भी प्रमुख क्षेत्रों में निरंतरता का संकेत मिलता है।

फिच ने कहा, ‘‘ हमारा मानना ​​है कि यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, क्योंकि वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का अनुमान बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि 10.5 प्रतिशत रहने का है, जो हमारे मौजूदा पूर्वानुमान से थोड़ा कम है। हमें लगता है कि सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने के अपने लक्ष्य को भी हासिल कर लेगी।’’

भाषा निहारिका रमण

रमण

 

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