नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) बजट घोषणाओं से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नये अवसर उत्पन्न होंगे और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। बुनियादी ढांचा विकास से जुड़े उद्योग जगत के लोगों ने यह बात कही।
आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) वीरेंद्र डी. म्हैसकर ने कहा कि बजट से भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, सड़क व राजमार्ग क्षेत्र जो प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र है उसे पर्याप्त धन आवंटन के जरिये आवश्यक प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।’’
पटेल इंजीनियरिंग की कार्यवाहक प्रबंध निदेशक कविता शिरवाइकर ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन भारत के आर्थिक परिवर्तन तथा असंख्य रोजगार अवसरों का सृजन सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह घोषणा व्यापक बदलाव की दिशा में एक साहसिक कदम है। भारत के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगी।’’
पुर्नचक्रण क्षेत्र की ओर से एमआरएआई के अध्यक्ष संजय मेहता ने कहा कि उद्योग, तांबा कबाड़ पर 2.5 प्रतिशत की रियायती मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और लौह स्क्रैप पर शून्य शुल्क जारी रखने के प्रस्ताव का स्वागत करता है।
रुद्राभिषेक एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईपीएल) के सीएमडी प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पीएम आवास योजना-शहरी 2.0 का उद्देश्य आयकर समायोजन से सहायता प्राप्त किफायती आवास और निर्माण में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।
आईनॉक्सजीएफएल समूह के कार्यकारी निदेशक देवांश जैन ने कहा कि लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर आयात शुल्क में छूट से इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण दोनों के लिए बैटरी की लागत में कमी आएगी।
सात्विक एनर्जी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत माथुर ने कहा कि बजट में सौर ग्लास तथा टिन्ड कॉपर इंटरकनेक्ट के लिए सीमा शुल्क में छूट को आगे नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे घरेलू सौर उपकरण परिदृश्य को भी बढ़ावा मिलेगा।
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