नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) ग्रामीण विकास मंत्रालय को 2025-26 के केंद्रीय बजट में 1.88 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले बजट में आवंटन से लगभग 5.75 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को किए गए बजट प्रस्तावों के अनुसार, ग्रामीण विकास मंत्रालय को 2024-25 के बजट में 1,77,566.19 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
हालांकि, 2024-25 का संशोधित अनुमान, जो मंत्रालय द्वारा किए गए व्यय की मध्यावधि समीक्षा है, 1,73,912.11 करोड़ रुपये रहा। यह शुरुआती आवंटन से 3,654.08 करोड़ रुपये कम है।
प्रमुख ग्रामीण रोजगार योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण विकास योजना (मनरेगा) के लिए आवंटन 86,000 करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले वर्ष के समान है।
बजट दस्तावेज के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई और वास्तविक व्यय 89,153.71 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2024-25 में मनरेगा के लिए कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं किया गया।
इस योजना के तहत हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को वित्त वर्ष में 100 दिन की मजदूरी की गारंटी दी जाती है।
पिछले बजट दस्तावेजों के अनुसार, कोविड-19 महामारी के वर्ष 2020-21 में इस योजना पर 1,11,169 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। उस समय लॉकडाउन अवधि में भारी संख्या में लोगों के वापस लौटने के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में मनरेगा एक जीवन रेखा साबित हुई थी।
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाना है।
चौहान ने कहा, “यह 140 करोड़ भारतीयों का बजट है। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने का बजट है। समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है।”
मंत्री ने कहा कि गरीबी मुक्त भारत के लिए गरीबी मुक्त गांव बनाना सरकार का मुख्य ध्यान है।
भाषा अनुराग अजय
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