बीएसएनल उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में मोबाइल टावर लगाने में जुटी |

बीएसएनल उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में मोबाइल टावर लगाने में जुटी

बीएसएनल उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में मोबाइल टावर लगाने में जुटी

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Modified Date: December 4, 2024 / 10:10 PM IST
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Published Date: December 4, 2024 10:10 pm IST

पिथौरागढ़, चार दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में प्रमुख स्थानों पर मोबाइल टावर लगा रही है ताकि चीन और नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में भारतीय नेटवर्क की उपलब्धता हो सके।

भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि सीमावर्ती इलाकों में दूरसंचार टावर लगाए जाने से स्थानीय लोगों को मोबाइन कनेक्टिविटी के लिए नेपाली नेटवर्क पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अगले साल मार्च से पहले दारमा, व्यास और चौदास घाटियों में भारत-नेपाल और भारत-चीन सीमाओं के पास का पूरा इलाका बीएसएनएल नेटवर्क से कवर हो जाएगा।

बीएसएनएल के महाप्रबंधक महेश निखुर्पा ने कहा, ‘भारत-नेपाल और भारत-चीन सीमाओं पर सीमावर्ती क्षेत्र और सीमा चौकियों (बीओपी) को संचार नेटवर्क के दायरे में लाने के लिए कुल 31 मोबाइल टावर लगाए जाने हैं।’

उन्होंने कहा कि 25 में से सात टावर पहले ही चालू हो चुके हैं और बाकी टावर लगाने की दिशा में काम चल रहा है।

निखुर्पा ने कहा, ‘हम अगले साल मार्च से पहले इन सभी टावरों को पूरी तरह चालू कर देंगे।’

उत्तराखंड के ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में मोबाइल टावर न होने से मोबाइल कनेक्टिविटी की स्थिति खराब है। ऐसे में स्थानीय निवासियों को अक्सर नेपाली मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ता है। पड़ोसी देश में मोबाइल टावर अधिक ऊंचाई पर लगे होने से नेटवर्क बेहतर रहता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 12 अक्टूबर, 2023 को आदि कैलाश शिखर के दर्शन के लिए जोलिंगकोंग दौरे पर बीएसएनएल को गुंजी में बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए एक अस्थायी नेटवर्क स्थापित करना पड़ा था।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)