नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि ब्राजील में देश के लिए काले चने (उड़द) और तुअर के आयात का एक प्रमुख स्रोत बनने की क्षमता है।
इस मुद्दे पर कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जूलियो सीजर रामोस के नेतृत्व में ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल ने उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे से शिष्टाचार भेंट के दौरान चर्चा की।
बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ब्राजील हाल के वर्षों में उड़द के आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है और भारत के उड़द और तुअर आयात का एक प्रमुख स्रोत बनने की क्षमता रखता है।’’
बयान में कहा गया है कि ब्राजील से उड़द आयात की मात्रा कैलेंडर वर्ष 2023 के 4,102 टन से बढ़कर 2024 के अक्टूबर अंत तक 22,000 टन से अधिक हो गई है।
मंत्रालय के अनुसार, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ दलहनों का व्यापार भारत के मुकाबले फसल मौसम में अंतर के कारण काफी लाभप्रद रहा है। यह इन देशों को भारत की फसल संभावनाओं के आधार पर अपने ‘फसल पैटर्न’ की योजना बनाने की अनुमति देता है।
चने का मामला लें, जब भारत ने मई, 2024 में कम रबी-2024 उत्पादन के बाद इस जिंस के शुल्क-मुक्त आयात को अधिसूचित किया, तो ऑस्ट्रेलिया ने बुवाई क्षेत्र में भारी वृद्धि के साथ इसका जवाब दिया, क्योंकि यह अवधि वहां के (ऑस्ट्रेलिया के) बुवाई के मौसम के साथ मेल खाती थी।
चालू वर्ष में ऑस्ट्रेलिया का चना उत्पादन 2023 के 4.9 लाख टन के मुकाबले 13.3 लाख टन होने का अनुमान है, जो मूल रूप से भारत को निर्यात के लिए होगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से ऑस्ट्रेलिया से चने की नई फसल आने से घरेलू उपलब्धता बढ़ी है और प्राथमिक बाजारों में कीमतों को कम करने में मदद मिली है।’’
घरेलू स्तर पर दलहन की कमी को पूरा करने के लिए भारत सालाना विभिन्न प्रकार की 30-40 लाख टन दालों का आयात करता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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