डब्ल्यूटीएसए जैसे निकाय प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग रोकने के उपाय करेंः सिंधिया |

डब्ल्यूटीएसए जैसे निकाय प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग रोकने के उपाय करेंः सिंधिया

डब्ल्यूटीएसए जैसे निकाय प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग रोकने के उपाय करेंः सिंधिया

:   Modified Date:  October 17, 2024 / 09:39 PM IST, Published Date : October 17, 2024/9:39 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) और 3जीपीपी जैसी एजेंसियों को प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग रोकने के लिए सुरक्षा उपाय करने चाहिए।

सिंधिया ने यहां आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024’ में ऑनलाइन प्रसारित होने वाली सामग्री बनाने वाले लोगों (कंटेंट क्रिएटर) के साथ एक परिचर्चा में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार हमेशा ही व्यापक उत्पादकता, बेहतरी, रचनात्मकता में सुधार और बहुत अधिक चपलता लेकर आते हैं लेकिन इसके साथ कुछ सुरक्षा उपाय और कुछ मानकीकरण भी लाए जाने चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो।

सिंधिया ने कहा, ‘‘जब आप प्रौद्योगिकी के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं, जब आप 4जी से उच्च गति, उच्च दर, उच्च स्तर, उत्पाद निर्माण के मामले में उच्च क्षमता वाले 5जी की तरफ कदम बढ़ाते हैं तो आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि डब्ल्यूटीएसए, 3जीपीपी जैसी एजेंसियां प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग करने की मंशा रखने वाले लोगों के मामले में सुरक्षा उपाय करें।’’

भारत अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा की पहली बार मेजबानी कर रहा है जो 6जी प्रौद्योगिकी को आकार देने के लिए काम कर रही है।

सिंधिया ने कहा कि देश में रिकॉर्ड 21 महीने के भीतर 4.5 लाख से अधिक 5जी नेटवर्क स्थल स्थापित किए गए हैं और देश में अब 5जी उपयोगकर्ताओं की संख्या 17 करोड़ हो चुकी है।

मंत्री ने कहा कि वर्तमान में कंटेंट क्रिएटर से जुड़ी अर्थव्यवस्था लगभग 30 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जो दूरसंचार प्रौद्योगिकी के समर्थन से 2030-35 तक 480 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी देश प्रौद्योगिकी के कुछ मामलों में अग्रणी हो सकते हैं लेकिन भारत कंटेंट निर्माण के मामले में भविष्य में अग्रणी होगा। मेरा मानना ​​है कि सरकार की भूमिका राह तैयार करने साथ सुरक्षा देने की भी है।’’

दूरसंचार मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 3जी और 4जी के मामले में बहुत पीछे रहने वाले भारत ने 5जी मानकों के विकास में आगे रहने का लंबा सफर तय किया है। अब भारत का लक्ष्य 6जी मानकों के लिए कुल पेटेंट में 10 प्रतिशत का योगदान करना है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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