पानीपत, नौ दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र और हरियाणा में भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए तिगुनी रफ्तार से काम करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ करने के बाद यह भी कहा कि महिला शक्ति की भूमिका बढ़ती रहेगी।
भाजपा ने केंद्र और हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनायी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में रक्षा, बैंकिंग और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं ‘फाइटर पायलट’ बन रही हैं, पुलिस में भर्ती हो रही हैं और कंपनियों का नेतृत्व भी कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में किसानों और पशुपालकों के 1,200 उत्पादक संघ या सहकारी समितियां काम कर रही है। खेल से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में लड़कियां आगे बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश को 26 सप्ताह तक बढ़ाने से भी लाखों बेटियों को लाभ हुआ है।
मोदी ने कहा कि नई राज्य सरकार हाल ही में गठित होने के बावजूद हर तरफ से प्रशंसा प्राप्त कर रही है। देश ने देखा है कि सरकार बनने के बाद किस तरह यहां हजारों युवाओं को बिना भ्रष्टाचार के स्थायी नौकरियां मिली हैं।
मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले उन्होंने पानीपत से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया था। इसका हरियाणा और पूरे देश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। अकेले हरियाणा में पिछले दशक में हजारों बेटियों की जान बचाई गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आज एक बार फिर हरियाणा के सभी लोगों को आश्वस्त कर रहा हूं कि राज्य तेजी से विकास करेगा। ‘डबल इंजन’ सरकार तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम करेगी और महिला शक्ति की भूमिका बढ़ती रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। 1947 से आज तक, हर वर्ग और क्षेत्र की ऊर्जा ने देश को इस ऊंचाई तक पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि, 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को हासिल करने के लिए भारत को ऊर्जा के कई नए स्रोतों की आवश्यकता है। उत्तर-पूर्व भारत एक ऐसा स्रोत है, भारत की नारी शक्ति (महिला शक्ति) महिला स्वयं सहायता समूहों, बीमा सखी, बैंक सखी और कृषि सखी के रूप में ऊर्जा का एक और महत्वपूर्ण स्रोत हैं। यह विकसित भारत के संकल्प को बल देगा।’’
उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त अवसर दिए जाने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि महिलाओं के सामने से हर बाधा को हटाया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि जब महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है, तो वे देश के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल में देश में ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाई गई नीतियां, लिए गए नीतिगत निर्णय वास्तव में अध्ययन का विषय हैं। भले ही बीमा सखी, बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी सरल और सामान्य लगती हैं, पर वे भारत को नया स्वरूप दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह मिशन ने जिस तरीके से महिलाओं को सशक्त बनाया है, उसको देखते हुए देश में उठाया गया यह कदम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
मोदी ने कहा कि देशभर में 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और पिछले एक दशक में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है।
प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले दो कार्यकाल में, हरियाणा के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक मिले थे, जबकि तीसरी बार सरकार बनने के बाद धान, बाजरा और मूंग किसानों को एमएसपी के रूप में 14,000 करोड़ रुपये दिए गए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने करनाल के महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की आधारशिला भी रखी। मुख्य परिसर और छह क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन 495 एकड़ में फैले हुए हैं जिनकी स्थापना 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से की जाएगी।
विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए बागवानी का एक कॉलेज और 10 बागवानी विषयों पर केंद्रित पांच स्कूल होंगे। यह बागवानी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए फसल विविधीकरण और विश्वस्तरीय अनुसंधान की दिशा में काम करेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एलआईसी 10वीं पास महिलाओं को बीमा सखी के रूप में भर्ती करेगी।
उन्होंने कहा कि बीमा सखियों को बीमा पॉलिसी पर कमीशन का लाभ भी मिलेगा।
इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी शामिल हुए।
‘बीमा सखी योजना’ सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी की एक पहल है। इसका उद्देश्य 18-70 वर्ष की आयु की दसवीं कक्षा पास महिलाओं को सशक्त बनाना है।
वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय मिलेगा।
योजना के तहत, महिला एजेंटों को पहले वर्ष के लिए 7,000 रुपये प्रति माह, दूसरे वर्ष में 6,000 रुपये प्रति माह और तीसरे वर्ष में 5,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा। बीमा सखियों को कमीशन का भी लाभ मिलेगा।
तीन साल में दो लाख बीमा सखी नियुक्त करने की योजना है।
प्रशिक्षण के बाद, वे एलआईसी एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं और स्नातक बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी की भूमिका के लिए अर्हता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
भाषा रमण अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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