(मौमिता बख्शी चटर्जी)
नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि डिजिटल व्यक्तिगत सूचना संरक्षण (डीपीडीपी) मसौदा विधेयक देश के नागरिकों के निजी विवरण से जुड़े मंचों के लिये बेहतर गतिविधियों को लेकर ‘गहरे व्यावहारिक बदलाव’ लाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मसौदा विधेयक संसद में जल्द से जल्द पारित हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक दिन पहले बुधवार को डीपीडीपी विधेयक को मंजूरी दी। इसे संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, विधेयक में नियमों के उल्लंघन के प्रत्येक मामले में संबंधित इकाई पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
कुल मिलाकर, विधेयक का उद्देश्य नागरिकों के व्यक्तिगत विवरण की रक्षा करना है और विश्वसनीय माध्यमों से आसान सीमा पार आंकड़ों के प्रवाह के लिए एक रूपरेखा तैयार करना है।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री चन्द्रशेखर ने संसदीय प्रक्रिया का हवाला देते हुए मसौदा विधेयक की बारीकियों के बारे में बात करने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे सभी संबद्ध मंचों के लिए ‘व्यवहार के स्तर पर गहरे बदलाव’ आने की उम्मीद है।
मंत्री ने उम्मीद जताई कि विधेयक जल्द से जल्द संसद में पारित हो जाएगा। हालांकि उन्होंने संसदीय प्रक्रिया का हवाला देते हुए विधेयक के पारित होने की समयसीमा नहीं बताई।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “जैसे ही विधेयक संसद में पारित होगा, हम निश्चित रूप से इस पर अधिक चर्चा करेंगे…लेकिन यह तय है कि विधेयक नागरिकों के हितों की रक्षा करेगा, सरकार सहित नागरिकों की सूचना से संबद्ध सभी लोगों पर जिम्मेदारी डालेगा। यह बेहतर तरीके से उन असाधारण परिस्थितियों को परिभाषित करेगा, जिसके तहत सरकार या जांच एजेंसी के अधिकारी व्यक्तिगत विवरण तक पहुंच सकते हैं।”
भाषा अनुराग रमण
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