राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री गठित करने के लिए विधेयक लगभग तैयार: अजय सेठ |

राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री गठित करने के लिए विधेयक लगभग तैयार: अजय सेठ

राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री गठित करने के लिए विधेयक लगभग तैयार: अजय सेठ

:   Modified Date:  September 3, 2024 / 08:57 PM IST, Published Date : September 3, 2024/8:57 pm IST

मुंबई, तीन सितंबर (भाषा) आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने मंगलवार को कहा कि क्रेडिट रेटिंग व्यवस्था में अंतर को पाटने में मदद के लिए राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री स्थापित करने से जुड़ा विधेयक लगभग तैयार है।

इसका उद्देश्य क्रेडिट से संबंधित जानकारी के लिए एक सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है और राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (एनएफआईआर) कर्ज देने वाली एजेंसियों को सही जानकारी उपलब्ध करा सकती है।

एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री वित्तीय और सहायक जानकारी के केंद्रीय भंडार के रूप में काम करेगी। इससे कर्ज का कुशल प्रवाह सुगम होगा, वित्तीय समावेशन और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

सेठ ने यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वित्त पोषण 3.0 पर आयोजित शिखर सम्मेलन में कहा कि क्रेडिट रेटिंग और पूंजी बाजार के विकास को लेकर और अधिक काम करने की जरूरत है।

सेठ ने कहा, ‘‘व्यापक विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री से जुड़ा विधेयक लगभग पूरा हो गया है। हम उम्मीद करते हैं कि अधिनियम के बाद रजिस्ट्री की शीघ्र स्थापना से क्रेडिट रेटिंग व्यवस्था में महत्वपूर्ण अंतर को पाटने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने अगले पांच-सात साल के एजेंडा का जिक्र करते हुए कहा कि ऋण, बीमा, पेंशन और पूंजी बाजार उत्पादों तक व्यापक पहुंच बढ़ाने की जरूरत है।

सेठ ने कहा कि इसे हासिल करने के लिए उद्योग को सेवाओं को और अधिक कुशल बनाना होगा। इससे मध्यस्थता की लागत में कमी आएगी।

सेठ ने सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता भी बतायी।

बॉन्ड बाजार को और व्यापक बनाने की जरूरत को बताते हुए सेठ ने कहा कि बॉन्ड के माध्यम से लगभग नौ लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का सिर्फ तीन प्रतिशत जुटाया जाता है। इसमें से 98 प्रतिशत निजी नियोजन के आधार पर होते हैं जबकि 80 प्रतिशत निर्गम एएए-रेटिंग के होते हैं।

सेठ ने प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) का जिक्र करते हुए कहा कि इसे लागू हुए एक दशक पूरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस पहल की सफलता इस बात से झलकती है कि जनधन खाते खोलकर 53 करोड़ लोगों को बैंकों से जोड़ा गया है। इन बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।

उन्होंने कहा कि पीएमजेडीवाई की बदौलत आज 70 प्रतिशत आबादी के पास बैंक खाते हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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