बिहार के पहले अंतर्देशीय कंटेनर डिपो का उद्धाटन, वैश्विक व्यापार में मौजूदगी बढ़ेगी |

बिहार के पहले अंतर्देशीय कंटेनर डिपो का उद्धाटन, वैश्विक व्यापार में मौजूदगी बढ़ेगी

बिहार के पहले अंतर्देशीय कंटेनर डिपो का उद्धाटन, वैश्विक व्यापार में मौजूदगी बढ़ेगी

:   Modified Date:  October 21, 2024 / 08:26 PM IST, Published Date : October 21, 2024/8:26 pm IST

पटना, 21 अक्टूबर, (भाषा) बिहार के पहले शुष्क बंदरगाह और अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) का सोमवार को राजधानी पटना के बाहरी इलाके बिहटा में उद्घाटन किया गया।

इसकी स्थापना से बिहार में माल के भंडारण, सीमा शुल्क सेवाओं और मल्टी-मॉडल परिवहन के जरिये लॉजिस्टिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

शुष्क बंदरगाह एक अंतर्देशीय टर्मिनल होता है जो सड़क या रेल के जरिये बंदरगाह से जुड़ा होता है। यह बंदरगाह पर उतारे गए माल को देश के अंदरुनी गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए परिवहन के एक केंद्र के रूप में कार्य करता है।

राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस कंटेनर डिपो का उद्घाटन किया। मिश्रा ने इसे बिहार के लिए बड़ा दिन बताते हुए कहा, ‘‘यह सुविधा हमारे औद्योगिक क्षेत्र की कायापलट कर देगी। पहले बिहार के निर्यातकों और आयातकों को अपने गृह राज्य से हजारों किलोमीटर दूर स्थित बंदरगाहों या अन्य राज्यों में सीमा शुल्क मंजूरी लेनी पड़ती थी।”

उन्होंने कहा, ‘‘अब बिहटा में आईसीडी के खुलने से राज्य के आयातक-निर्यातक वैश्विक बाजारों में खुद को स्थापित करने और प्रतिस्पर्धात्मक रूप से भाग लेने में सक्षम होंगे क्योंकि यहां सीमा शुल्क निकासी सुविधाएं उपलब्ध हैं।’’

आईसीडी बिहटा को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने अंतर्देशीय कंटेनर डिपो के रूप में अनुमोदित किया है।

मिश्रा ने कहा कि यह डिपो वैश्विक व्यापार पटल पर बिहार की मौजूदगी बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

उन्होंने कहा कि यह डिपो बिहार की दीर्घकालिक औद्योगिक आकांक्षाओं को पूरा करने और राज्य के लॉजिस्टिक क्षेत्र को स्थिरता एवं मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

मिश्रा ने कहा, ‘‘कृषि-प्रधान राज्य बिहार औद्योगीकरण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। मक्का, लीची और चावल जैसी कृषि उपज के साथ डिब्बाबंद खाद्य उत्पाद, स्पॉन्ज आयरन एवं रद्दी कागज जैसी वस्तुएं भी राज्य के प्रमुख निर्यात और आयात का हिस्सा बन गई हैं।’’

इस कंटेनर डिपो का विकास प्रिस्टीन मगध इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने किया है।

बिहार उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह डिपो कोलकाता बंदरगाह, हल्दिया, विशाखापत्तनम, मुंद्रा और अन्य प्रमुख बंदरगाहों से रेल मार्ग के जरिये अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां पर आधुनिक भंडारण, सीमा शुल्क निकासी और परिवहन सेवाएं मिलने से राज्य के आयातकों और निर्यातकों को एक ही जगह पर सभी समाधान मिल पाएंगे।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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