नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) पूंजी बाजार में निवेशकों की भागीदारी को बेहतर कॉरपोरेट आय, स्थिर वृहद आर्थिक बुनियाद और ऑनलाइन डिजिटल निवेश मंचों ने बढ़ावा दिया है और विशिष्ट निवेशकों की संख्या बढ़कर 11 करोड़ हो गयी है।
संसद में शुक्रवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2024-25 में कहा गया है कि निवेशकों की बढ़ी हुई भागीदारी और इक्विटी द्वारा अर्जित मजबूत लाभ ने पिछले कुछ वर्षों में परिवारों संपत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के अनुमान के अनुसार, पिछले पांच वर्षों (2020-2024; सितंबर 2024 तक) में भारतीय शेयरों में परिवारों की संपत्ति में 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर, पूंजी बाजार में निवेशकों की भागीदारी प्रत्यक्ष (अपने खातों के माध्यम से बाजारों में व्यापार) और अप्रत्यक्ष (म्यूचुअल फंड के माध्यम से) तरीकों से बढ़ी है।
एनएसई में निवेशक आधार अगस्त, 2024 में 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया, जो पिछले चार वर्षों में तीन गुना हो गया है। वर्तमान में यह 10.9 करोड़ (26 दिसंबर 2024 तक) है। एनएसई में निवेशक खातों की संख्या को दर्शाने वाले ‘क्लाइंट कोड’ की संख्या 2019 के अंत में छह करोड़ से बढ़कर दिसंबर, 2024 तक लगभग 21 करोड़ हो गई है।
समीक्षा में कहा गया, ‘‘ बेहतर कॉरपोरेट आय, स्थिर वृहद आर्थिक बुनियाद, सुगम लेनदेन (ट्रेडिंग), ‘क्लियरिंग एंड डिपॉजिटरी सिस्टम’ की सुविधा प्रदान करने वाली कुशल व मजबूत प्रौद्योगिकी तथा म्यूचुअल फंड परिवेश और ऑनलाइन डिजिटल निवेश मंचों द्वारा अर्जित विश्वास ने पूंजी बाजारों में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया है।’’
डीमैट खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिसंबर, 2024 के अंत तक डीमैट खातों की संख्या सालाना आधार पर 33 प्रतिशत बढ़कर 18.5 करोड़ हो गई है।
म्यूचुअल फंड उद्योग (जो वित्तीय बचत को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है) में निवेशकों की संख्या वित्त वर्ष 2020-21 के 2.9 करोड़ से दोगुना होकर दिसंबर, 2024 तक 5.6 करोड़ हो गई है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में ‘फोलियो’ की कुल संख्या 17.8 करोड़ से बढ़कर दिसंबर, 2024 के अंत में 22.5 करोड़ हो गई और खुदरा निवेशकों के पास 18.6 लाख करोड़ रुपये की म्यूचुअल फंड यूनिट थे।
भागीदारी में इस उछाल के साथ-साथ मजबूत बाजार प्रदर्शन के कारण म्यूचुअल फंड कंपनियों की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर 66.9 लाख करोड़ रुपये हो गई। इसने मार्च, 2024 से 25.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
म्यूचुअल फंड खंड में वर्तमान में 10 करोड़ से अधिक व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) खाते हैं, जिनमें स्थापना के बाद से संचयी एसआईपी प्रवाह 10.9 लाख करोड़ रुपये का है।
भाषा निहारिका अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)