अनैतिक व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए ढांचे को मजबूत करें बैंक : दास |

अनैतिक व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए ढांचे को मजबूत करें बैंक : दास

अनैतिक व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए ढांचे को मजबूत करें बैंक : दास

:   Modified Date:  November 18, 2024 / 02:55 PM IST, Published Date : November 18, 2024/2:55 pm IST

मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को बैंकों के बोर्ड से अनैतिक व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए आंतरिक कामकाज के ढांचे को मजबूत करने को कहा।

इन अनैतिक प्रथाओं में उत्पादों की गलत बिक्री या उचित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानिये) सत्यापन के बिना खाते खोलना शामिल है।

दास ने यह भी कहा कि बैंक कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहनों को सावधानीपूर्वक तय करना चाहिए, ताकि उन्हें अनैतिक व्यवहार में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन न मिले।

उन्होंने यहां निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों के सम्मेलन में कहा, ”ऐसी प्रथाओं से हालांकि अल्पकालिक लाभ हो सकता है, लेकिन आखिर में इनसे बैंक को प्रतिष्ठा को नुकसान, पर्यवेक्षी जांच और वित्तीय दंड जैसे महत्वपूर्ण दीर्घकालिक जोखिमों का सामना करना पड़ता है।”

दास ने आगे कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र ऐसे दौर में है, जो अवसरों के साथ ही जोखिमों और चुनौतियों से भरा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल मई में हमारी बैठक के बाद से सभी वित्तीय संकेतकों में सुधार हुआ है, जो बैंकिंग क्षेत्र के विभिन्न प्रतिभागियों के प्रयासों को दर्शाता है।’’

बैंकिंग प्रणाली की जुझारू क्षमता को बरकरार रखने के लिए गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत बुनियादी बातों का लाभ उठाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आखिरकार अच्छा समय जुझारू क्षमता को मजबूत करने और स्थायी रूप से बढ़ने का सबसे अच्छा समय होता है।

दास ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते चलन के साथ ही संगठनों को उल्लेखनीय चुनौतियों और जोखिमों से जूझना पड़रहा है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)