मुंबई, दो नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से खराब कर्ज को लेकर चिंता जताने के बीच एक रिपोर्ट में छोटे मूल्य के व्यक्तिगत कर्ज (पर्सनल लोन) पर नजर रखने की जरूरत पर बल दिया गया है। यह रिपोर्ट एक कर्ज सूचना कंपनी ने बृहस्पतिवार को जारी की।
ट्रांसयूनियन सिबिल ने कहा कि जनवरी, 2022 से जून, 2023 के बीच मात्रा के हिसाब से कुल खुदरा ऋण में एक-चौथाई 50,000 रुपये से कम के छोटे व्यक्तिगत ऋण रहे हैं, जबकि जून, 2023 तिमाही में इस खंड में नया कर्ज लेने वाले आधे से अधिक ग्राहकों के पास पहले से ही चार ऋण उत्पाद थे।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिमों का उल्लेख करते हुए बैंकों को असुरक्षित कर्ज खंड पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा था।
दास ने कहा था, “अपने आंतरिक निगरानी तंत्र को मजबूत करें ताकि बाद में परेशानी में पड़ने के बजाय किसी भी संभावित जोखिम को पहले ही नियंत्रित किया जा सके।”
भाषा अनुराग अजय
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