जोखिम आकलन को लेकर सभी स्रोतों से प्राप्त सूचना का उपयोग करें बैंक: आरबीआई |

जोखिम आकलन को लेकर सभी स्रोतों से प्राप्त सूचना का उपयोग करें बैंक: आरबीआई

जोखिम आकलन को लेकर सभी स्रोतों से प्राप्त सूचना का उपयोग करें बैंक: आरबीआई

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 06:47 PM IST, Published Date : October 10, 2024/6:47 pm IST

मुंबई, 10 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से जोखिम आकलन को लेकर सभी स्रोतों से प्राप्त सूचना का उपयोग करने को कहा।

आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाली इकाइयों (बैंक, एनबीएफसी समेत अन्य) को अपने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की पहचान करने और उस पर लगाम लगाने को लेकर उपयुक्त कदम उठाने के लिए समय-समय पर आकलन करने की जरूरत है।

केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में बैंकों और एनबीएफसी को लेकर ‘मनी लॉन्ड्रिंग/आतंकवादी संगठनों को होने वाले वित्तपोषण के लिए आंतरिक जोखिम मूल्यांकन दिशानिर्देश’ जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश विशेष रूप से मनी लांड्रिंग, आतंकवाद के वित्त पोषण/जन संहार से जुड़े हथियारों के प्रसार से संबंधित वित्तपोषण (सीपीएफ) पर अंकुश लगाने से जुड़े कर्मचारियों के लिए है।

ये दिशानिर्देश आंतरिक जोखिम मूल्यांकन (आईआरए) के लिए प्रमुख बातों को निर्धारित करते हैं।

आरबीआई ने कहा, ‘‘उसके दायरे में आने वाली इकाइयों को आंतरिक जोखिम आकलन के लिए सभी प्रासंगिक आंतरिक और बाहरी स्रोतों से प्राप्त जानकारी का उपयोग करना चाहिए।’’

केंद्रीय बैंक के अनुसार लगातार बदलते कारोबारी माहौल और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के वित्तीय उत्पादों में जटिलताओं के बढ़ते स्तर के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण या प्रसार से जुड़े वित्तपोषण को लेकर जोखिम के बढ़ने की आशंका हमेशा बनी रहती है।

इसमें कहा गया है कि उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग और भुगतान के नए तरीकों के सामने आने से जोखिम और भी बढ़ गया है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)