नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2022-23 की तीसरी तिमाही में ऋण वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ताजा वित्तीय नतीजों के आकलन से यह तथ्य सामने आया है।
पुणे के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की कुल ऋण वृद्धि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 21.67 प्रतिशत रही है।
प्रतिशत के लिहाज से ऋण वृद्धि के मामले में पिछली 10 तिमाहियों से बैंक ऑफ महाराष्ट्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। कोविड महामारी के दबाव के बावजूद बैंक का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।
ऋण वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर 19.80 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का स्थान रहा। देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 16.91 प्रतिशत की ऋण वृद्धि के साथ चौथे स्थान पर है।
हालांकि, मात्रा के हिसाब से देखें तो एसबीआई का कुल कर्ज बीओएम के 1,56,962 करोड़ रुपये के ऋण की तुलना में लगभग 17 गुना अधिक यानी 26,47,205 करोड़ रुपये रहा।
खुदरा-कृषि-एमएसएमई (आरएएम) ऋण के संदर्भ में बीओएम ने 19.18 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की है। इसके बाद पंजाब एंड सिंध बैंक ने 19.07 प्रतिशत और बैंक ऑफ बड़ौदा ने वार्षिक आधार पर 18.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मोर्चे पर भी बीओएम और एसबीआई का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। 31 दिसंबर, 2022 तक कुल कर्ज पर बीओएम और एसबीआई का एनपीए क्रमश: 2.94 प्रतिशत और 3.14 प्रतिशत रहा। वहीं इन दोनों बैंकों का शुद्ध एनपीए क्रमश: 0.47 प्रतिशत और 0.77 प्रतिशत रहा।
भाषा अजय अजय अनुराग
अजय
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