कृत्रिम मेधा को आतंकवादी संगठनों का हथियार बनाए जाने से रोकने की जरूरत: मोदी | Artificial merit needs to be prevented from being weapons of terrorist outfits: PM Modi

कृत्रिम मेधा को आतंकवादी संगठनों का हथियार बनाए जाने से रोकने की जरूरत: मोदी

कृत्रिम मेधा को आतंकवादी संगठनों का हथियार बनाए जाने से रोकने की जरूरत: मोदी

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 PM IST
,
Published Date: October 5, 2020 4:59 pm IST

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कृत्रिम मेधा का जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवादी संगठनों या राज्य से भिन्न तरीके से चलने वाले तत्वों द्वारा कृत्रिम मेधा के शस्त्रीकरण से दुनिया की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कृत्रिम मेधा (एआई) पर आयोजित शिखर सम्मेलन ‘रेज 2020’ को संबोधित करते हुए कहा कि मशीनी मेधा के इस्तेमाल के लिए जवाबदेही के साथ ही पारदर्शिता भी महत्वपूर्ण है।

Read More: MCI ने दी अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की अनुमति, स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने दी जानकारी

मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में काम कर रहा है और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए एआई पर आधारित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि, अगली पीढ़ी के शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और आपदा प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत बनाने में एआई की बड़ी भूमिका है। इस सम्मेलन का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग ने संयुक्त रूप से किया।

Read More: कोरिया जिले की बड़ी उपलब्धि, मनरेगा के तहत सर्वाधिक परिवारों को 100 दिवस रोजगार देने में पूरे प्रदेश में अव्वल

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि यह भरोसा पैदा करें कि एआई का किस तरह इस्तेमाल हो रहा है। भरोसा कायम करने के लिए अल्गोरिद्म में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है। हमें राज्य से भिन्न तरीके से चलने वाले तत्वों या संगठनों (आतंकी तत्वों)द्वारा कृत्रिम मेधा के शस्त्रीकरण से दुनिया की रक्षा करनी ही चाहिए।’’ मोदी ने कहा कि भारत में हमने अनुभव किया है कि प्रौद्योगिकी से पारदर्शिता, सेवाओं की आपूर्ति में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंक खातों को बायोमेट्रिक पहचान से जोड़कर लोगों तक योजनाओं का फायदा पहुंचाया।

Read More: चुनावी सरगर्मी के बीच सीएम शिवराज ने बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक, कई अहम प्रस्ताओं पर लग सकती है मुहर

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े विशिष्ट पहचान कार्यक्रम- आधार और दुनिया की सर्वाधिक नवाचारी भुगतान प्रणाली- यूपीआई के साथ वित्तीय सेवाओं की गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुंच हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के दौरान हमने देखा कि भारत की डिजिटल तैयारी कैसी तत्परता से मदद करती है। हमने जल्द से जल्द और सबसे कुशल तरीके से लोगों तक मदद पहुंचाई।’’ उन्होंने कहा कि इंसानी सोच के साथ आईए का गठजोड़ धरती के लिए अद्भुत परिणाम ला सकता है।

Read More: सीएम भूपेश बघेल कल स्वामी आत्मानंद जयंती सहित इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल, गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर करेंगे पैसे

उन्होंने कहा कि भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य है और सभी गांवों को जोड़ने के लिए ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत एआई के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बने। कई भारतीय पहले ही इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में कई और ऐसा करेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाया है, जिसमें खासतौर से तकनीक आधारित शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों में ई-पाठ्यक्रमों का विकास किया जाएगा।

Read More: धार्मिक कार्यक्रमों और त्योहारों के लिए गृह विभाग ने जारी किया निर्देश, इन अयोजनों में शामिल हो सकेंगे अधिकतम 10 लोग

उन्होंने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे, डिजिटल कंटेंट और क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ई-शिक्षा इकाई बनाने के लिए एक राष्ट्रीय शिक्षा तकनीकी मंच का गठन किया जा रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘सरकार ने इस साल अप्रैल में ‘युवाओं के लिए जिम्मेदार एआई’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत 11,000 से ज्यादा छात्रों ने बुनियादी पाठ्यक्रम पूरा किया है। वे अब अपनी एआई परियोजनाएं तैयार कर रहे हैं।’’ मोदी ने आगे कहा, ‘‘जब हम एआई की चर्चा करते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि मानवीय रचनात्मकता और मानवीय भावनाएं हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। वे मशीनों पर हमारी अनूठी बढ़त हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को सोचना चाहिए कि कृत्रिम मेधा से किस तरह इंसानों की क्षमताओं में इजाफा हो सकता है।

Read More: ‘नोट’, वोट और सियासत! मध्यप्रदेश के उपचुनाव की दंगल में मंत्री बिसाहूलाल के Video पर बवाल!, देखिए

मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व इतिहास के प्रत्येक चरण में ज्ञान और शिक्षा की अगुवाई की है और आज आईटी के युग में भी भारत का योगदान असाधारण है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार ‘सामाजिक सशक्तिकरण के लिये जवाबदेह एआई 2020’ (रेज 2020) विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में में सामाजिक बदलाव, समावेश और स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा तथा स्मार्ट मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में सशक्तिकरण पर विचारों का आदान प्रदान किया जाएगा। सम्मेलन में एआई पर शोध, नीति और नवप्रवर्तन से जुड़े प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भाग लेंगे। बयान के अनुसार रेज 2020 का आयोजन पांच अक्ट्रबर से नौ अक्टूबर तक होगा। इसमें महामारी से निपटने की तैयारी में एआई का उपयोग, समावेशी एआई और सफल नवप्रवर्तन के लिये भागीदारी जैसे विषयों पर विशेषज्ञ अपनी बातें रखेंगे और परिचर्चा होगी।

 
Flowers