नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने बुधवार को कहा कि सरकारों के बीच सशस्त्र संघर्ष 2025 के लिए शीर्ष तात्कालिक जोखिम के रूप में उभरा है। यह वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और विखंडन को दर्शाता है।
विश्व आर्थिक मंच ने अपनी हालिया वैश्विक जोखिम रिपोर्ट में कहा है कि गलत सूचना और भ्रामक जानकारियां अल्पकालिक जोखिमों को जन्म देती हैं, जबकि पर्यावरणीय जोखिम 10 वर्ष की अवधि में हावी रहते हैं, जिनमें मौसम संबंधी चरम घटनाएं, जैव विविधता की हानि और पारिस्थितिकी तंत्र का पतन प्रमुख हैं।
अगले दशक में वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश वैश्विक नेता बहुध्रुवीय या खंडित व्यवस्था की अपेक्षा करते हैं, जहां पश्चिमी नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था में गिरावट जारी रहने की आशंका है और चीन, भारत तथा खाड़ी देशों के वैकल्पिक शक्ति केंद्रों के रूप में मजबूत होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट का यह 20वां संस्करण जारी किया गया है। यह रिपोर्ट व्यवसाय, सरकार, शिक्षा और नागरिक समाज के 900 से अधिक वैश्विक दिग्गजों से बातचीत पर आधारित है।
रिपोर्ट में तात्कालिक, अल्पकालिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में सबसे अधिक दबाव वाले जोखिमों की पहचान और विश्लेषण किया गया है, जिसका उद्देश्य नेताओं को उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना है।
रिपोर्ट में तेजी से खंडित होते वैश्विक परिदृश्य का खुलासा किया गया है, जहां बढ़ती भू-राजनीतिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और तकनीकी चुनौतियां स्थिरता और प्रगति के लिए खतरा बन रही हैं।
यद्यपि इस वर्ष के सर्वेक्षण परिणामों में आर्थिक जोखिमों को तत्काल महत्व नहीं दिया गया है, फिर भी वे चिंता का विषय बने हुए हैं, तथा सामाजिक और भू-राजनीतिक तनावों से जुड़े हुए हैं।
सरकारों के बीच सशस्त्र संघर्ष को 2025 के लिए सबसे बड़ा तात्कालिक वैश्विक जोखिम माना गया है, तथा लगभग एक-चौथाई उत्तरदाताओं ने इसे आगामी वर्ष के लिए सबसे गंभीर चिंता का विषय बताया है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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