एसी, एलईडी लाइट की पीएलआई योजना के लिए 15 जुलाई से फिर लिए जाएंगे आवेदन |

एसी, एलईडी लाइट की पीएलआई योजना के लिए 15 जुलाई से फिर लिए जाएंगे आवेदन

एसी, एलईडी लाइट की पीएलआई योजना के लिए 15 जुलाई से फिर लिए जाएंगे आवेदन

:   Modified Date:  July 8, 2024 / 03:14 PM IST, Published Date : July 8, 2024/3:14 pm IST

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि वह एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइट जैसे घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (व्हाइट गुड्स) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया 15 जुलाई से 90 दिन के लिए एक बार फिर शुरू करने जा रही है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत व्हाइट गुड्स उद्योग अधिक निवेश करना चाहता है। इसे ध्यान में रखते हुए आवेदन की प्रक्रिया 15 जुलाई से 12 अक्टूबर तक खुली रहेगी। समयसीमा खत्म होने के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

किसी भी तरह के भेदभाव से बचने के लिए, नए आवेदकों के साथ योजना के मौजूदा लाभार्थियों को भी अपना निवेश बढ़ाकर आवेदन करने के लिए पात्र बनाया गया है।

अब तक 6,962 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश वाली 66 आवेदक कंपनियों को पीएलआई योजना के लाभार्थियों के रूप में चुना गया है। योजना के दिशानिर्देशों के तहत, आवेदक केवल योजना की शेष अवधि के लिए ही प्रोत्साहन पाने के हकदार होंगे।

बयान के मुताबिक, प्रस्तावित तीसरे दौर में स्वीकृत आवेदक अधिकतम तीन साल के लिए पीएलआई के तहत पात्र होंगे। केवल नए आवेदक और मार्च, 2023 तक की निवेश अवधि चुनने वाले एवं अपना निवेश बढ़ाने की मंशा रखने वाले मौजूदा लाभार्थी ही इसके पात्र होंगे।

वहीं जिन मौजूदा लाभार्थियों ने मार्च, 2022 तक की निवेश अवधि का विकल्प चुना है और प्रस्तावित तीसरे दौर में उच्च निवेश श्रेणी में जाना चाहते हैं, वे अधिकतम दो वर्षों के लिए ही प्रोत्साहन राशि पाने के हकदार होंगे।

इसके साथ ही कारोबार में तरलता बनाए रखने, बेहतर कार्यशील पूंजी प्रबंधन और लाभार्थियों की परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए अब पीएलआई की तिमाही दावा प्रसंस्करण की प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात अप्रैल, 2021 को एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट के कलपुर्जों के उत्पादन और उनको असेंबल करने के लिए व्हाइट गुड्स की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना को 2021-22 से 2028-29 तक सात साल की अवधि में लागू किया जाना है और इसका परिव्यय 6,238 करोड़ रुपये है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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