GST composition scheme starts from 1 March: नई दिल्ली। नए साल में केंद्र सरकार ने जीएसटी से जुड़े अनुपालन नियमों में कई बड़े बदलवाव किए हैं, जिसका असर छोटे व्यापारियों में देखा जा सकता है। खासकर ऐसे व्यापारियों पर इसका असर पड़ सकता है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर व्यापार करते हों। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र का यह नियम 1 मार्च से अनिवार्य होने जा रहा है। बता दें कि जीएसटी टैक्स प्रणाली के तहत, जब 50,000 रुपए से अधिक का सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जाता है, तो ई-वे बिल बनाए रखना आवश्यक होता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए जीएसटी टैक्सपेयर्स से एक मार्च 2024 से ई-चालान स्टेटमेंट के बिना ई-वे बिल नहीं बनाने के लिए कहा गया है। यानी अब इन कारोबारियों को ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए ई-चालान स्टेटमेंट तैयार करना ही होगा। हालांकि ये भी साफ कर दिया गया है कि ग्राहकों से या नॉन-सप्लायर्स से किए जाने वाले अन्य लेनदेन के लिए ई-वे बिल पहले की तरह चलेगा।
GST composition scheme starts from 1 March: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने अपने एक विश्लेषण में पाया कि कई कारोबारी बी2बी और बी2ई करदाताओं को ई-इनवॉइस से लिंक किए बिना ई-वे बिल के जरिए लेनदेन कर रहे हैं, जबकि ये सभी करदाता ई-चालान के पात्र हैं। इसके चलते कुछ मामलों में ई-वे बिल और ई-चालान में दर्ज अलग-अलग सूचनाएं मानक से मेल नहीं खा रही हैं। इसके चलते ई-वे बिल और ई-चालान स्टेटमेंट में कोई मेल नहीं हो रहा है।
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