भारत के पांच साल में एमवे के शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल होने की उम्मीद: चोपड़ा |

भारत के पांच साल में एमवे के शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल होने की उम्मीद: चोपड़ा

भारत के पांच साल में एमवे के शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल होने की उम्मीद: चोपड़ा

:   Modified Date:  September 9, 2024 / 05:13 PM IST, Published Date : September 9, 2024/5:13 pm IST

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) प्रत्यक्ष बिक्री (डायरेक्ट सेलिंग) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एमवे को उम्मीद है कि अगले पांच साल में भारत उसके तीन शीर्ष वैश्चिक बाजारों में होगा।

एमवे के भारत में प्रबंध निदेशक रजनीश चोपड़ा ने सोमवार को कहा कि कंपनी अगले पांच वर्ष में देश के उसके शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल होने की उम्मीद कर रही है।

कंपनी ने भारत में चार नए अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने के लिए 40 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 35 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। कंपनी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पाद विकसित करने पर भी विचार कर रही है।

चोपड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एमवे ने वैश्विक स्तर पर समग्र परिदृश्य और व्यवसाय को बेहद अलग तरीके से देखना शुरू कर दिया है। केवल वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने के बजाय, यह जीवन में बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

भारत में कंपनी की विस्तार योजना से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ फिलहाल हमारे पास साढ़े पांच लाख सक्रिय वितरक हैं। हमारे पास 20 लाख से अधिक ग्राहक हैं। हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में ग्राहक 20 लाख से बढ़कर 50 लाख हो जाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि भारत शीर्ष तीन (वैश्विक स्तर पर एमवे के बाजार) में से एक बने। इसके लिए हमें अभी कुछ और काम करना है..’’

वर्तमान में एमवे के लिए शीर्ष तीन वैश्विक बाजार चीन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया हैं।

भारत के वर्तमान में शीर्ष 10 में से शीर्ष तीन में आने के सवाल पर चोपड़ा ने कहा, ‘‘ अगले पांच वर्षों में, मैं 50 लाख लोगों के जीवन में बदलाव देखता हूं… और यह हमें उस दिशा में महत्वपूर्ण रूप से आगे ले जाएगा…’’

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले वर्ष एमवे इंडिया पर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की ‘‘आपराधिक कमाई’ अर्जित करने और इसका एक बड़ा हिस्सा विदेशी बैंक खातों में जमा करने का आरोप लगाया था।

हालांकि, कंपनी ने लगातार कहा है कि यह मामला 2011 से जारी जांच से जुड़ा है और तब से वह विभाग के साथ सहयोग कर रही है।

भाषा निहारिका अजय

अजय

 

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