गन्ना मजदूरों के शोषण की बात सरासर गलत, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट एक 'षड्यंत्र': एनएफसीएसएफ |

गन्ना मजदूरों के शोषण की बात सरासर गलत, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट एक ‘षड्यंत्र’: एनएफसीएसएफ

गन्ना मजदूरों के शोषण की बात सरासर गलत, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट एक 'षड्यंत्र': एनएफसीएसएफ

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Modified Date:  November 28, 2024 / 07:56 PM IST
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Published Date:  November 28, 2024 7:56 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने बृहस्पतिवार को एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में महाराष्ट्र में गन्ना कटाई करने वाले मजदूरों के शोषण के आरोपों का पुरजोर खंडन किया और इसे भारतीय चीनी उद्योग को नुकसान पहुंचाने का ‘षड्यंत्र’ बताया।

एनएफसीएसएफ के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने आगाह किया कि ‘गलत सूचना’ संभावित रूप से चीनी की बिक्री को बाधित कर सकती है, खासकर कोका-कोला और पेप्सी जैसे प्रमुख खरीदारों पर जिन्हें महाराष्ट्र और गुजरात से चीनी खरीदने से बचने का दबाव हो सकता है।

पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मीडिया रिपोर्ट जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महासंघ पहले ही अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क कर चुका है। फिलहाल जांच चल रही है।

अनोखी कटाई गतिविधियों की व्याख्या करते हुए पाटिल ने दक्षिणी और उत्तरी राज्यों के बीच अंतर का जिक्र किया। महाराष्ट्र और गुजरात में, हाथ से कटाई का प्रचलन बना हुआ है। इसमें कुशल श्रमिकों की आपूर्ति ‘मोकादम’ नामक बिचौलियों द्वारा की जाती है, जो श्रमिकों की भर्ती और उन्हें लाने और ले जाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

महासंघ ने दावा किया कि संभावित छिटपुट घटनाओं के बावजूद, चीनी मिलें श्रमिकों को आश्रय, भोजन, समय पर भुगतान, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा सहित व्यापक सहायता प्रदान कर रही हैं।

एनएफसीएसएफ ने कहा कि श्रमिकों की संख्या घटी है। एक दशक पहले 15 लाख श्रमिक थे, वर्तमान में यह संख्या लगभग आधी रह गयी है। इससे निपटने के लिए गन्ना कटाई करने वाली मशीनों की खरीद के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से ऋण मांगा है।

श्रमिकों की स्थिति का बचाव करने के अलावा, एनएफसीएसएफ ने चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य में वृद्धि, 15 लाख टन अधिशेष चीनी के निर्यात की अनुमति देने और एथनॉल खरीद मूल्य बढ़ाने में सरकारी हस्तक्षेप की मांग की है।

एनएफसीएसएफ के अनुसार, देश का कुल चीनी उत्पादन 2024-25 सत्र में 15 नवंबर तक घटकर 7.01 लाख टन रह गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 12.61 लाख टन था। कुल चीनी उत्पादन 280 लाख टन रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2023-24 के 319 लाख टन से कम है।

एथनॉल उत्पादन के लिए अनुमानित 40 लाख टन चीनी के साथ, उद्योग को सत्र के अंत तक 70-75 लाख टन अधिशेष की उम्मीद है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)