नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) सरकार के एकीकृत लॉजिस्टिक संपर्क मंच (यूएलआईपी) का सभी राज्यों को अपने लॉजिस्टिक ढांचे को बढ़ाने के लिए लाभ उठाना चाहिए। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने राज्यों को सक्रिय रूप से ‘यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म’ (यूएलआईपी) का लाभ उठाने और पूरे भारत में एक निर्बाध, कुशल और समावेशी लॉजिस्टिक क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के तहत 17 सितंबर, 2022 को इस मंच की शुरुआत की गई थी। यह एक डिजिटल माध्यम है जो लॉजिस्टिक पक्षों को एपीआई-आधारित एकीकरण के जरिये विभिन्न सरकारी प्रणालियों से लॉजिस्टिक-संबंधित आंकड़ों तक पहुंच की अनुमति देता है।
फिलहाल यूएलआईपी 118 एपीआई के माध्यम से 10 मंत्रालयों की 37 प्रणालियों के साथ एकीकृत होता है, जिनमें 1,800 से अधिक आंकड़ा क्षेत्र शामिल हैं।
इस मंच पर निजी क्षेत्र की भागीदारी ने इसके प्रभाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके पोर्टल पर 900 से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं।
सिंह ने एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यूएलआईपी राज्यों को अपने लॉजिस्टिक ढांचे को बढ़ाने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।’’
उन्होंने इस मौके पर एक पुस्तिका भी जारी की जो निजी क्षेत्र की कंपनियों और स्टार्टअप के यूएलआईपी एपीआई का उपयोग करने के तरीकों और इसके परिवर्तनकारी प्रभावों पर रोशनी डालती है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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