नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) नेफेड द्वारा सोयाबीन की बिकवाली पर अगली बिजाई पूरा होने तक रोक लगाने के बाद आगामी त्योहारों और शादी-विवाह के मौसम की मांग के बीच किसानों द्वारा अच्छे दाम की उम्मीद में मंडियों में आवक घटाने के कारण बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहनों के दाम मजबूत बंद हुए।
मांग बढ़ने और आवक घटने के बीच सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पर्याप्त सुधार दर्शाते बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह प्रमुख तेल संगठन सोपा ने सरकार से मांग की थी कि सोयाबीन की अगली बिजाई पूरा होने तक सहकारी संस्था नेफेड सोयाबीन बिक्री के लिए कोई पहल नहीं करे, क्योंकि इससे किसानों का मनोबल टूटेगा और सोयाबीन की बिजाई प्रभावित होगी। इस अनुरोध के अनुरूप नेफेड ने बिकवाली की पहल को बिजाई पूरा होने तक रोक दिया है। इससे किसानों को भारी राहत मिली है जिनकी फसल को हाजिर बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम दाम मिल रहा था। ऐसे में किसानों को अपनी लागत निकालने में मुश्किल हो रही थी।
सोयाबीन की बिक्री पर नेफेड की रोक के बाद इसके दाम में सुधार देखने को मिला और इसका सकारात्मक असर बाकी तेल-तिलहनों विशेषकर मूंगफली पर भी पड़ा।
सूत्रों ने कहा कि हरियाणा में कई स्थानों पर एमएसपी पर सरसों की खरीद शुरू करने के बाद अब राजस्थान के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में जल्द ही एमएसपी पर सरसों की सरकारी खरीद होने की संभावना है। पिछले साल इस अवधि के दौरान सरसों की बाजार में आवक निरंतर बढ़ रही थी लेकिन इस बार किसान निरंतर आवक कम ला रहे हैं। वह स्टॉकिस्टों और मिल वालों के दाम घटाने-बढ़ाने के खेल को समझते हुए उनके झांसे में नहीं आ रहे और अच्छे दाम की उम्मीद में आवक लाने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे हैं।
समीक्षाधीन सप्ताह के पूर्व सप्ताह में जो सरसों की आवक 14-15 लाख बोरी की थी वह बीते सप्ताहांत घटकर मात्र पांच लाख बोरी रह गई। सरसों का पहले का सभी स्टॉक लगभग खत्म हो गया है और पाइपलाइन खाली है। जो स्टॉक है भी, वह स्टॉकिस्टों के पास है।
उन्होंने कहा कि पामोलीन से सस्ता होने की वजह से भी त्योहारों के मौसम में सरसों की काफी मांग है।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली का हाजिर दाम एमएसपी से लगभग 10-12 प्रतिशत नीचे है और किसान कम दाम पर बिकवाली करना नहीं चह रहे। यह ऐसी फसल है जिसका हम आयात नहीं करते बल्कि निर्यात करते हैं और किसानों को कम दाम मिले या फसल खपने में मुश्किल हो तो ऐसे में आगे जाकर इसका उत्पादन प्रभावित होने का खतरा हो सकता है। आगामी जून-जुलाई में इसकी बिजाई होनी है और मौजूदा समय की तरह हाजिर दाम नीचे बने रहे तो यह किसानों के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं होगा। इसलिए सरकार को विशेष रूप से मूंगफली और सोयाबीन सहित बाकी तेल-तिलहनों का भी बाजार विकसित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में पाम-पामोलीन के दाम ही ऊंचे बोले जा रहे हैं पर मौजूदा दाम पर लिवाल मिलने की मुश्किल हो रही है। दाम ऊंचा बोले जाने के बीच पाम-पामोलीन तेल की कीमतों में भी सुधार आया। सोयाबीन तेल से पामोलीन तेल का दाम लगभग 10 रुपये किलो अधिक बैठता है, ऐसे में कौन इस ‘हार्ड ऑयल’ को खरीदना चाहेगा जब ‘सॉफ्ट ऑयल’ कम दाम पर उपलब्ध है। दाम ऊंचा होने से इसका आयात प्रभावित हुआ है और आगामी मांग बढने की संभावना को देखते हुए इस आयात की कमी कैसे पूरी होगी, इस बात की चिंता करने की आवश्यकता है।
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में बिनौले की आवक निरंतर घट रही है और सामान्य दिनों के मुकाबले यह घटकर लगभग आधी रह गई है। इसकी अगली फसल आने में भी पर्याप्त समय बचा है। नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग के कारण बिनौला तेल कीमतें भी सुधार दर्शाती बंद हुईं।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 175 रुपये के सुधार के साथ 6,275-6,375 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 200 रुपये के सुधार के साथ 13,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 40-40 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,380-2,480 रुपये और 2,380-2,505 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में महाराष्ट्र की मांग के कारण सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 245-245 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,425-4,475 रुपये और 4,125-4,175 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 225 रुपये, 125 रुपये और 225 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 13,825 रुपये, 13,475 रुपये और 9,775 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन का भाव 175 रुपये के सुधार के साथ 5,850-6,225 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 150 रुपये और 40 रुपये के सुधार के साथ 14,650 रुपये और 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 50 रुपये के सुधार के साथ 13,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 100 रुपये के सुधार के साथ 14,500 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 150 रुपये के सुधार के साथ 13,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
तेजी के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 50 रुपये के सुधार के साथ 13,875 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश अजय
अजय
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